UP 2024 Election: भाजपा के सामने पूर्वांचल बनी बड़ी चुनौती!
UP 2024 Election: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा ने भले ही एनडीए का विस्तार कर लिया हो. लेकिन इस विस्तार के साथ नई चुनौतियां सामने खड़ी हो गई हैं. पुराने और नए सहयोगियों में गठबंधन से सीटें ज्यादा से ज्यादा हासिल करने की होड़ शुरू हो गई है. दरअसल, उत्तर प्रदेश में बीजेपी के गठबंधन का कुनबा बढ़ने लगा है.
भाजपा के साथ अपुप्रिया पटेल का अपना दल, संजय निषाद की निषाद पार्टी के अलावा अब ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी आ खड़ी हुई है. लोकसभा चुनाव को लेकर ये गठबंधन काफी अहम माना जा रहा है.. खासतौर पर पूर्वांचल में भजपा के लिए संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती है.
क्योंकि तीनो ही दल भाजपा से यहां ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की होड़ में है. इसमें सबसे बड़ी दावेदारी अपना दल की है, जो यूपी में भाजपा, सपा के बाद तीसरा सबसे बड़ा दल बन चुकी है. वही सुभासपा भी बढ़ी ताकत के साथ NDA में लौटी है. इनके अलावा संजय निषाद भी अब अपनी पार्टी के सिंबल को लोकसभा तक पहुंचने के प्रयास में है.
पुर्वांचल की सीटों को लेकर NDA में मची होड़
UP 2024 Election: अपको बता दे की, उत्तर पदेश में निषाद समाज का वोट करीब 18 फीसदी माना जाता है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में ये ज्यादा ताकतवर है. प्रदेश के 165 विधानसभा सीटें निषाद बाहुल्य हैं, ये समाज कई लोकसभा सीटों पर जीत हार तय करने में अहम भूमिका निभाता रहा है.
वही दूसरी तरफ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहले पहले भाजपा में ही गठबंधन का हिस्सा थे. कुछ समय तक सरकार में भी शामिल रहे लेकिन बाद में दोनो की राहे अलग हो गई, 2019 के लोकसभा चुनाव में सुभासपा ने 19 उम्मीदवार उतारे. भले ही उन्हे एक भी सीट पर जीत नही मिली. लेकिन 8 सीटें ऐसी थी, जहां पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी. इसके बाद 2022 विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने अखिलेश यादव की सपा के साथ गठबंधन किया. पूर्वांचल में इस गठबंधन ने बीजेपी का काफी नुकसान किया.
गाजीपुर और आजमगढ़ से बीजेपी को सपा गठबंधन ने समेट दिया.. बलिया में दो और मऊ में एक सीट ही पार्टी जीत सकी, इस प्रदर्शन के पीछे राजजभर वटबांक को अहम कारण माना गया. खैर अब देखना ये दिलचस्प होगा की. आने वाले समय में बीजेपी अपने कुनबे को संमभालने में कितना कामयाहब होती है.
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