IPS प्रभाकर चौधरी के पिता आखिर क्यों हुए बीजेपी से नाराज़?

IPS Prabhakar Chaudhary के पिता आखिर क्यों हुए बीजेपी से नाराज़?

Bareilly

IPS Prabhakar Chaudhary: बरेली में पुलिस द्वारा कांवड़ियों पर लाठीचार्ज करने के मामले में कार्रवाई करते हुए  आईपीएस प्रभाकर चौधरी बरेली के एसएसपी पद से हटा दिया. ये वहीं प्रभाकर चौधरी जिनके काम की कभी पीएम मोदी ने सराहना की थी. लेकिन जिस आईपीएस की पीएम मोदी ने खुद तारिफ की थी उसी अधिकारी पर सीएम योगी की कार्रवाई से चर्चा आग की तरफ सारे जगह फैल गई. बरेली के अंबेडकरनगर के प्रभाकर चौधरी ने अपनी 13 साल की नौकरी में कई तरह के उतार चढ़ाव देखे है. उनका 21 बार पहले भी तबादले हो चुके है. वहीं प्रभाकर के ताबदले से उनके परिवार के साथ-साथ पूरा गांव रोष में है. मामले पर उनके पिता ने नाराजगी  जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया भी दी साथ ही उनहोंने ये भी बताया की आखिर प्रभाकर का ट्रांसफर हुआ क्यों?

‘आज से तय कर लिया है कि अब बीजेपी के खिलाफ ही रहूंगा’

IPS Prabhakar Chaudhary: बरेली में कांवड़ियो पर लाठीचार्ज मामले के कुछ ही घंटों बाद IPS प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया। मामले में प्रभाकर  के पिता ने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा की अगर पुलिस लाठीचार्ज नहीं करती तो मामला और बिगड़ जाता पुलिस ने तो अच्छा काम किया लेकिन उनको अच्छे काम का नतीजा बुरा मिला. इस बात का हमें काफी दुख हुआ है.  साथ ही उनहोंने बीजेपी पर भी निशाने साधते हुए कहा की मैं बीजेपी का पदाधिकारी रह चुका हूं. लेकिन इस अपने बेटे पर इस कार्रवाई के बाद आज से हमने तय कर लिया है की बीजेपी के खिलाफ ही रहेंगे। आगे चुनाव में कुछ इलाकों में तो बीजेपी को कभी भी जीतने नहीं देंगे।

साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं प्रभाकर

IPS Prabhakar Chaudhary: अपने कार्यों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी की जिंदगी बेहद साधारण में बीती है।अम्बेडकरनगर जिले थाना हंसवर के ग्राम महमूद पुर निवासी प्रभाकर चौधरी के पिता का नाम पारसनाथ चौधरी है। प्रभाकर की प्राथमिक शिक्षा शिशु मंदिर विद्यालय बसखारी से हुई। इसके बाद इंटर तक की शिक्षा इंदई पुर इंटर कॉलेज से हुई। प्रभाकर ने उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया और 2010 में अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गए। प्रभाकर चौधरी के पिता पारसनाथ चौधरी सेवानिवृत्त अध्यापक हैं और ये विगत चालीस सालों से संघ और बीजेपी से जुड़े हैं। प्रभाकर चौधरी के पास गांव में अस्सी के दशक में बना पुश्तैनी मकान है और पूरे परिवार की जिंदगी काफी सामान्य तरीके से बीत रही है।

22 वीं बार ट्रांसफर हुआ तो अखर गई बात

IPS Prabhakar Chaudhary: वैसे तो तेरह साल की नौकरी में प्रभाकर का इक्कीस बार ट्रांसफर हो गया, लेकिन इस बार जब बरेली से उनका ट्रांसफर हुआ तो यह बात उनके पिता के साथ-साथ क्षेत्र वालों को भी अखर गयी। उनके पिता ने कहा कि प्रभाकर एक ईमानदार अधिकारी है और इसी लिए उसका इतनी जल्दी ट्रांसफर होता है।

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