Amit Shah ने किया CrPC संशोधन बिल पेश, जानिए IPC-CRPC पर 3 नए बिलों से क्या-क्या बदलेगा?

Home Minister Amit Shah: Amit Shah ने किया CrPC संशोधन बिल पेश

Home Minister AMit Shah

Home Minister Amit Shah: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने तीन ऐसे बिल लोकसभा में पेश किए है जो कई कानूनो की नई परिभाषा तय कर सकती है. गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल पेश करते हुए राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. अमित शाह ने कहा है कि इन विधायकों से आपराधिक दंड संहिता में परिवर्तन होगा. इसके साथ ही इंडियन पीनल कोड यानी की IPC अब भारतीय न्याय संहिता कही जाएगी. शाह ने कहा है कि आने वाले वक्त में ये बिल जब कानून बन जाएगा तो भारतीय न्याय संहिता में बड़ा बदलाव होगा. मॉब लिंचिंग से लेकर भगोड़े अपराधियों तक, कानून में कई सारे बदलाव का प्रस्ताव पेश किया गया है. हालांकि, अभी इस बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने का फैसला किया गया है.

वही आगे बढ़ने से पहले आपको ये बता दे की. भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल के अंदर क्या क्या आता है.

किन-किन कानूनों में होगा बदलाव?

  • भारतीय न्याय संहिता, 2023 : अपराधों से संबंधित प्रावधानों को समेकित और संशोधित करने के लिए और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 : दंड प्रक्रिया से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने और उससे जुड़े या उसके प्रासंगिक मामलों के लिए।
  • भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023: निष्पक्ष सुनवाई के लिए साक्ष्य के सामान्य नियमों और सिद्धांतों को समेकित करने और प्रदान करने के लिए।

राजद्रोह कानून होगा खत्म

Home Minister Amit Shah: वही आपको ये भी बता दे की अमित शाह ने आगे कहा कि राजद्रोह कानून को अंग्रेजों के शासन को बचाने के लिए बनाया गया था. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि एक ऐतिहासिक निर्णय इस सरकार ने किया है और राजद्रोह को पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया गया है. यहां लोकतंत्र है सबको बोलने का अधिकार है. इस कानून में इसके साथ-साथ अलगाव सशस्त्र विद्रोह, विध्वंसक गतिविधियां, अलगाववाद भारत की संप्रभुता एकता को चैंलेज करना और पूरी संपत्ति को कुर्क करने का अधिकार भी इस बील में है.

वही जानकारी के लिए बता दे की जांच करने वाले पुलिस अधिकारी के संज्ञान पर कोर्ट इसका ऑर्डर करेगा और कोर्ट में सुनवाई होगा. वही जानकारी के लिए बता दे की महिलाओं के प्रति अपराध और सामाजिक समस्याओं के निपटान के लिए इस कानून बनाया गया है. शादी, रोजगार, पदोन्नति के झूठे वादे और गलत पहचान बताकर जो यौन संबंध बनाते थे उसको अपराध की श्रेणी में पहली बार नरेंद्र मोदी सरकार ला रही है.

गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है, जो आज के समय में नहीं है. वही 18 साल से कम आयु की बच्चियों के मामले में मृत्युदंड का भी प्रावधान है. बता दे की अब भगोड़ो को भी सजा मिलेगी, दरअसल सेशन कोर्ट के जज पूरी प्रक्रिया के बाद जिसको भगोड़ा घोषित करेंगे उसकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और उसे सजा भी दी जाएगी. दुनिया में वो कहीं भी छिपे, उसे सजा सुनाई जाएगी.

मॉब लिंचिंग पर सीधे मौत की सजा

Home Minister Amit Shah: बता दे की अमित शाह ने बिल पेश करते हुए कहा कि मॉब लिंचिंग का बड़ा शोर मचा है, हमने उसको बड़ा केयरफुली देका है. और मॉब लिंचिंग के लिए भी 7 साल की सजा या आजीवन कारावास और मृत्युदंड का प्रावधान इस कानून में किया गया है. वही स्नैंचिंग के लिए चाहे महिलाओं की चेन हो या कुछ और कोई प्रावधान नहीं था. जिसकी वजह से बहुत सारे लोग छिप जाते थे क्योंकि वो चोरी में नही गिना जाता था. वही अब स्नैचिंग का भी प्रावधान लाया गया है.

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