RSS to BJP: संघ, सियासत और 24 की सत्ता, संघ संभालेगा 2024 का चुनाव ?

RSS to BJP

RSS To BJP: नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने में पिछले काफ़ी वक्त से अपनी कवायदों में लगे हुए हैं. जिसमें कई बार तारीख़ें बदली. लेकिन जैसे तैसे एक तारीख़ पक्की हुई. अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियां, देश के अलग-अलग कोने से एक होने का तो तैयार हो गई हैं. लेकिन मक्सद फिलहाल एक ही है. मोदी को सत्ता से बाहर करना. एकता के मैदान में सभी दल उतरेंगे और अपनी-अपनी बात रखेंगे. न केवल 24 बल्कि 23 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए भी रणनीतियां बनाई जा सके.

लोकसभा में बीजेपी लगाएगी जीत की हैट्रिक !

विपक्ष की बैठक से पहले ही बीजेपी की ओर से 11 जून को होने वाली बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक का ऐलान कर दिया गया है. बैठक में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों से लेकर 2024 लोकसभा चुनाव तक का रोडमैप तैयार किया जाएगा. और जहां-जहां बीजेपी की पकड़ हाल के कुछ वक्त में कमज़ोर और फ़ीकी पड़ी है उसे सही करने पर भी ज़ोर दिया जाएगा.

बीजेपी का जन संपर्क अभियान.. होगा कल्याण !

इससे पहले 31 मई से ही बीजेपी देशभर में जनता से जुड़ने के लिए जन संपर्क अभियान चला रही है. और जनता के मुद्दों को समझने की कोशिश भी कर रही है. इसी कड़ी में यूपी की सभी लोकसभा सीटों में अभी से चुनावी तैयारियों में बीजेपी जुट गई है. बीजेपी की ओर से टिफिन मीटिंग की शुरूआत हुई है.

बीजेपी की टिफ़िन मिटिंग से होगी 24 की सेटिंग !

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने टिफिन मीटिंग के जरिए सभी नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं से लंच के जरिए जुड़ने की हिदायत दी है. जिसके बाद कार्यकर्ता आम जन से जुड़कर उनकी समस्या जान सकें…इसमें किसानों के मुद्दें, महिला सुरक्षा जैसे समाजिक मुद्दों पर जोर दिया गया है…साथ ही नड्डा ने कहा है कि अगर कोई विपक्षी या कार्यकर्ता सवाल करता है तो उसमें भी नरमी बरती जानी चाहिए…अभियान के दौरान किसी को भी सख्त बयानबाजी से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं….

RSS के हाथों में बीजेपी की डोर?

इन्हीं सब तैयारियों के बीच RSS ने भी बीजेपी (RSS To BJP) को हर तबके के साथ जुड़कर नरम रुख अख़्तियार करने के आदेश दे डाले हैं…

कांग्रेस की रणनीति…प्रदेश अध्यक्ष बदलने की नीति !

इसके विपरीत कांग्रेस भी खुद को अकेले दम पर शार्प करने की तैयारी कर रही है. इसी तर्ज पर वो तमाम राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को बदलकर कुछ नयापन लाने की कोशिश कर रही है. जिसके बाद कई सवाल उठ खड़े हैं. कि क्या विपक्षी एकजुटता मोदी की जीत का रथ रोक पाएगी. क्या जन संपर्क अभियान और टिफिन मिटिंग के जरिए बीजेपी जनता को अपने करीब ला पाएगी. क्या RSS के दखल के बाद बीजेपी के बर्ताव में नर्मी आएगी…और क्या कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों को बदलकर खुद को मज़बूत कर पाएगी.

कांग्रेस किन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों में कर रही है फेरबदल?

राजस्थान

महाराष्ट्र

दिल्ली

गुजरात

तमिलनाडु

पश्चिम बंगाल

झारखंड

ओडिसा

हरियाणा

बिहार

RSS ने बीजेपी को क्या निर्देश दिए हैं?

बीजेपी को आत्ममंथन की जरूरत

मोदी का चेहरा, हिंदूत्व बीजेपी का मजबूत फैक्टर

अब मोदी का करिश्मा, हिंदुत्व ही काफी नहीं

स्थानीय नेतृत्व, प्रभावी कामकाज पर ध्यान ज़रुरी

बीजेपी पहली बार भ्रष्टाचार पर बचाव करती दिखी

कर्नाटक में जाती, क्षेत्र, भाषा पर प्रचार चिंताजनक

आडवाणी का रथ विपक्ष ने कब रोका था?

25   सितंबर 1990 को सोमनाथ से शुरू हुई आडवाणी की रथयात्रा 30 अक्टूबर को अयोध्या पहुंचनी थी, लेकिन 23 अक्टूबर को आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया. आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद केंद्र की सियासत में भूचाल मच गय. BJP ने केंद्र में सत्तासीन वीपी सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया,जिसमें लालू प्रसाद यादव भी साझीदार थेऔर सरकार गिर गई थी.

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खूब जमेगा रंग जब मिल बैठेगा विपक्ष !

पक्ष विपक्ष सबके अपने दावे हैं…क्योंकि तैयारियों में कोर कसर कोई पार्टी नहीं छोड़ना चाहती है…23 के विधानसभा चुनावों से लेकर 24 की गद्दी तक के इस खेल में सभी पार्टियां अपने सारे पत्ते खोल देना चाहती है…क्योंकि सत्ता के तख्त पर जो काबिज हो पाएगा वो ही असली सिंकदर कहलाएगा….

Written By: आरती अग्रावत

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