बीजेपी के ‘चक्रव्यूह’ में घिरे अखिलेश-जयंत!
Bjp vs Samajwadi: 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही पूरी तरह से जूटे हुए है. जैसे जैसे लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे है. वैसे वैसे दोनों सभी पार्टीयां साम दाम दंड भेद करके 2024 के लक्ष्य को भेदना चाहती है. इसी क्रम में जहां विपक्षी दल एकजूट हो कर 2024 में साथ लड़ने का दावा कर रही है. वहीं दूसरी तरह सत्ता पार्टी बीजेपी भी पूरी विपक्षी पार्टियों को मुंहतोड़ जबाब देने की पूरी तैयार में है. इस समय तू डाल-डाल मैं पात-पात की जैसी स्थिति देश में देखने को मिल रही है. जहां दोनों पार्टियां कोई भी मुद्दा नहीं छोड़ रही है एक दूसरे को चक्रव्यूह में घेरने के लिए.
अखिलेश यादव को बड़ा झटका
Bjp vs Samajwadi: वहीं देश की राजनीति का केंद्र माने जाने वाले यूपी में अखिलेश यादव के दिन फिलहाल कुछ ठीक नहीं चल रहे है. जहां कुछ दिन पहले सपा के बड़े नेता के रुप में जानने वाले दारा सिंह चौहान ने वापस बीजेपी का दामन थाम लिया वहीं आज फिर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है.
सपा के कई नेता बीजेपी में शामिल हुए गए हैं, लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी सत्ताधारी बीजेपी ने सोमवार को विपक्षी दलों के पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक समेत कई प्रमुख नेताओं को उनके समर्थकों समेत पार्टी में शामिल कराया.
राज्य मुख्यालय में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और उत्तर प्रदेश सरकार के दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने राष्ट्रीय लोकदल छोड़कर आये पूर्व सांसद राजपाल सैनी , समाजवादी पार्टी छोड़कर आए प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी सपा के पूर्व सांसद अंशुल वर्मा (हरदोई) ,सपा की पूर्व विधायक सुषमा पटेल वाराणसी में लोकसभा की पूर्व सपा प्रत्याशी शालिनी यादव, पूर्व मंत्री जगदीश सोनकर समेत कई प्रमुख नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. सोमवार को बीजेपी में शामिल होने वाले ज्यादातर नेता अन्य पिछड़ा वर्ग समाज से आते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है की क्या सीएम योगी ने यूपी का सबसे बड़ा जातीय सीमकरण का दाव भेद लिया है.
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