देवभूमि में नया फरमान, महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी!

Uttarakhand Banned Short Dresses

Uttarakhand Banned Short Dresses

Uttarakhand Govt Ban On Women’s Short Dresses: उत्तराखंड सरकार ने महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने पर निर्देश जारी कर कहा है कि महिलाओं को कम कपड़े पहनने पर मंदिरों में एंट्री नहीं मिलेगी.

उत्तराखंड की राजनीति अक्सर ही महिलाओं की पोशाखों पर बयानबाजी करके सुर्खियां बटोरती रहती है. अखाड़े की तरफ़ से एकबार फिर मंदिरों में मर्यादा बनाए रखने की चर्चाएं तेज़ हो गई हैं.

इसी मर्यादा को बनाए रखने के लिए हरिद्वार में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव मंहत रविंद्र पूरी ने एक बयान जारी कर कहा है कि मंदिरों में आ रही महिलाओं का 80 प्रतिशत बदन ढका होना चाहिए.

BJP कांग्रेस के मिले सुर !

वहीं दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस भी महंत के इस बयान का समर्थन कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने कहा कि जो महंत ने कहा है वह सही है और सनातन धर्म में इसका प्रयोग पहले से ही होता आया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मधु भट्ट ने कहा कि मंदिरों की अपनी परंपराएं होती है और उनका पालन होना जरूरी है । 

नियमानुसार कपड़े पहनने पर ही मंदिरों में दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी. हालांकि ऐसा पहली बार है कि किसी बात पर प्रदेश की दो सियासी पार्टियां सहमत है. मंदिरों में मंदिर के हिसाब से ही कपड़े पहने जाएं, इस बात पर बीजेपी कांग्रेस दोनों के सुर एक ही हैं.

जनता को नहीं पसंद ये पाबंदी ! ( Uttarakhand Govt Ban On Women’s Short Dresses )

सचिव के इस बयान के बाद प्रदेश में सियासत तेज है. क्योंकि लोगों को शायद ये नियम नहीं बल्कि पाबंदी ज्यादा लग रही है और सियासत इस बात पर भी हो रही है कि मंदिरों में छोटे कपड़े पहनने के कारण लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं.

मंदिर के नियमों की मर्यादा जरूर होनी चाहिए , फिर चाहे वो पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह का रिप्ड जीन्स को लेकर दिया गया बयान हो, जिसके बाद रावत साहब मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी हाथ धो बैठते हैं.या फिर अब महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से जारी किया बयान हो.

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी के इस बयान के बाद सियासत भले ही तेज हो गई हो  लेकिन सियासी दलों के प्रतिनिधि जरूर इस बात का समर्थन करते हुए नजर आ रहे हैं.

कम कपड़े पहनने से भंग हो रही हैं धामों की मर्यादा !

कम से कम सनातन धर्म में जो मर्यादा अपनाने की बात कही जाती है उसका जो उल्लंघन हो रहा था उसका पालन होना जरूरी था और यही बात मंहत जी भी कह रहे हैं.

महंत रवींद्र पुरी के माने तू जिस प्रकार से महिलाएं इन दिनों छोटे कपड़ों को पहने के प्रचलन अपनाकर  मंदिरों में आ रही है उस पर विराम लगना जरूरी है.

रविंद्र पुरी ने कहा कि दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में भी यह व्यवस्था लागू हो चुकी है कि कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं का मंदिरों में प्रवेश वर्जित होगा क्योंकि यह नियम विरुद्ध होता है इसलिए यहां पर भी इस नियम का पालन होना जरूरी है.

महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कम कपड़ों के चलते ही लव जिहाद जैसी घटनाएं भी समाज में घटित हो रही है। 

कम कपड़े पहनने पर मंदिरों में नहीं मिलेगी एंट्री !

तीर्थ पुरोहितों और महानिर्वाणी अखाड़े के महंत के द्वारा दिए गए बयान पर प्रदेश भर में जो सियासत शुरू हुई है.

उसका असर देश के दूसरे राज्यों में भी देखने को मिलेगा और कम से कम उत्तराखंड में को चारधाम यात्रा या अन्य दूसरे धार्मिक स्थलों पर पुलिस का ऑपरेशन मर्यादा में चल रहा है उसको समर्थन मिलता नजर आएगा । 

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