इशिता किशोर: यूपीएससी टॉपर की जानें वो खास बातें

UPSC Result

Ishita Kishore

UPSC Topper Ishita Kishore:- हर साल की तरह इस साल भी यूपीएससी के द्वारा घोषित किए गए वो नतीजे जो दर्शाते हैं छात्रों की लग्न, प्रतिभा और जुनून के वो नए किस्से.

नतीजे आते ही सैकड़ों लोगों की जिंदगी पल भर में बदल जाती है. हर साल इस परीक्षा को टॉप करने वाले लोगं और उनकी कहानियॉं सिविल सेवा की तैयारी करने वाले लोगों के लिए प्रेरणा बन जाती हैं

आपको बता दें अबकि बार यूपीएससी 2023 टॉप करने वाली चार लड़कियाॅं ही हैं. पहले नंबर पर इशिता ने टॉप किया है और दूसरे व तीसरे नंबर पर भी लड़कियां ही रही हैं. दूसरे नंबर पर गरिमा लोहिया और तीसरे नंबर पर उमा हरति एन रहीं. चौथे पर स्मृति मिश्रा हैं.

सिविल सेवा परीक्षा साल 2022 में टाॅप करने वाली इशिता किशोर के बारे में जनिए कुछ दिलचस्प बातें-

  • 27 साल की इशिता किशोर का ये सिविल सेवा परीक्षा का तीसरा प्रयास था. इससे पहले दोनों ही प्रयासों में वो प्रिलिम्स परीक्षा भी क्वालिफ़ाई नहीं कर सकी थीं और तीसरी बार में उन्होंने टॉप किया.
  • इशिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स किया है. लेकिन सिविल सेवा परीक्षा में उनका विषय राजनीति शास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध था.
  • इस विषय के बारे में वो कहती हैं, “राजनीति शास्त्र ग्रैजुएशन में मेरा एक विषय था तो मुझे इस विषय के बारे में थोड़ा आइडिया तो पहले से था. मुझे लगा कि राजनीति शास्त्र एक ऐसा विषय है जिसमें मैं ख़ुद को बेहतर तरीके से एक्सप्रेस कर सकती हूं और अंतरराष्ट्रीय संबंध समकालीन विषय है, मुझे लगा कि ये विषय मेरे लिए अर्थशास्त्र से बेहतर होगा. मैंने बहुत सोच समझकर अपने मज़बूत पक्ष का इस्तेमाल करने का फ़ैसला लिया. ”

नौकरी छोड़ की सिविल परीक्षा की तैयारी

  • इशिता ने ग्रैजुएशन के बाद दो साल तक अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में बतौर रिस्क एनालिस्ट काम किया. इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फ़ैसला किया.
  • ये फ़ैसला लेने के पीछे की वजह बताते हुए इशिता कहती हैं, “ मुझे हमेशा से पता था कि मुझे नौकरी करनी है, लेकिन किस टाइप की नौकरी करनी है मुझे ये तय करना था. मेरे पास बहुत सारे विकल्प थे- एमबीए करूं, मास्टर्स करूं या सिविल सेवा में जाऊं. फिर मैंने सिविल सेवा के बारे में सोचा क्योंकि यहां आपको देश के लिए कुछ करने का मौका मिलता है.
  • मैं एयरफ़ोर्स बैकग्राउंड वाले परिवार से आती हूं तो मेरे भीतर हमेशा ही ये भाव रहा है कि मुझे देश के लिए कुछ करना है और उसके लिए सिविल सेवा ही सही प्लेटफ़ॉर्म है. ये फ़ैसला मैंने अचानक नहीं लिया बल्कि सोच समझ कर तय किया

कड़ी मेहनत का मिला फल

  • एक सवाल जो हर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाले से पूछा जाता है वो ये कि वो कितने घंटे पढ़ाई करते हैं. इशिता बताती हैं कि वह सप्ताह भर में 42 से 45 घंटे तक पढ़ाई करती थीं. जिसका मतलब है कि वो आठ से नौ घंटे हर रोज़ पढ़ाई करती थीं.
  • आमतौर पर धारणा होती है कि यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वाले लोग सोशल मीडिया से दूरी बना कर रखते हैं. लेकिन इशिता इसकी ज़रूरत पर बात करती हैं.
  • इशिता सोशल मीडिया अकाउंट चलाती हैं और तैयारी के दौरान भी चलाती रहीं. वह कहती हैं, “मैं इसका इस्तेमाल अपने दोस्तों के साथ संपर्क में रहने के लिए करती हूं. मैं इस सफ़र में अलग-थलग नहीं पड़ना चाहती थी और आज मेरे सारे दोस्त मेरे साथ हैं और मेरे लिए ख़ुश हैं. ज़िंदगी में बैलेंस होना बहुत ज़रूरी है.”
  • इशिता स्पोर्ट्स की शौक़ीन हैं. उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर फ़ुटबॉल खेला है. उन्होंने फ़ुटबॉल टूर्नामेंट सुब्रतो कप साल 2012 में खेला था और अपनी टीम की कप्तान थीं. वह बताती हैं, “मैंने कई सारे स्पोर्ट्स खेले हैं और आज भी खेलती हूं.”
  • जिन छात्रों ने सालों की मेहनत करके सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है, उनके लिए मंगलवार का दिन ख़ुशियां लेकर आया.
  • लेकिन कई छात्र जो इंटरव्यू तक पहुंच कर अपना सपना नहीं जी सके उनके लिए इशिता का संदेश है- “मैं आपकी जगह पर रह चुकी हूं, दो बार मेरा भी प्रिलिम्स नहीं निकला था, बहुत निराशा हुई. लेकिन अपनी कमियों को समझ कर ही अगली बार कोशिश करें. अगर ये लगता है कि कुछ नया करना चाहिए तो वो भी ट्राई करें”

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