महिला खिलाड़ियों को मिला Sonu Sood का समर्थन, बोले- ‘अन्याय के ख़िलाफ़ कुश्ती की जंग…’
Sonu Sood Supports Woman Wrestler: बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने पिछले कुछ दिनों से धरने में बैठे पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “देश के खिलाड़ी अन्याय के ख़िलाफ़ कुश्ती की जंग जीतेंगे ज़रूर. जय हिन्द.”
एक दिन पहले ही द इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में विनेश फोगाट ने कहा था कि उन्हें क्रिकेटरों और दूसरे खिलाड़ियों का समर्थन नहीं मिल रहा. उन्होंने खिलाड़ियों की चुप्पी पर सवाल उठाए थे.
उन्होंने कहा था कि जब अमेरिका में ब्लैक लाइव्स मैटर्स (Black Lives Matters) आंदोलन चला तो खूब खिलाड़ियों ने आवाज उठाई लेकिन आज जब हमारी बारी आई तो कोई बोलने (Sonu Sood Supports Woman Wrestler) को तैयार नहीं है.
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विनेग फोगाट के इस इंटरव्यू के बाद कई बड़े खिलाड़ी पहलवानों के समर्थन में सामने आए हैं, जिसमें ओलंपियन नीरज चोपड़ा, अभिनव बिंद्रा, कपिल देव जैसे नाम शामिल हैं.
क्या है पूरा मामला
18 जनवरी, 2023 को पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर कई गंभीर लगाए थे.
तब विनेश फोगाट ने रोते हुए रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और कोच पर महिला रेसलरों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे.
इसके बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के साथ मुलाक़ात कर, 23 जनवरी को आरोपों की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय निरीक्षण समिति बनाई. दिग्गज मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम को इस समिति का अध्यक्ष चुना गया था.
समिति को चार हफ्तों के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा था. समिति ने रिपोर्ट सरकार को दी लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया. जिसके बाद 21 अप्रैल को पहलवान कनॉट प्लेस थाने में बृजभूषण सिंह के खिलाफ शिकायत करने गए थे लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की.
23 अप्रैल को दूसरी बार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की अगुवाई में पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया.
एफआईआर न दर्ज होने पर मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
26 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करने से पहले किसी तरह की प्रारंभिक जांच की ज़रूरत है.
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दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ से कहा कि अगर शीर्ष अदालत को लगता है कि सीधे प्राथमिकी दर्ज की जानी है तो ऐसा किया जा सकता है.
28 अप्रैल, शुक्रवार को धरना प्रदर्शन का छठा दिन है. एफआईआर न दर्ज होने पर ये यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.