राहुल गांधी की इस टिप्पणी से क्या ख़तरे में है विपक्षी एकता

संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद सावरकर पर राहुल गांधी के दिए बयान से नाराज़ शिव सेना का ग़ुस्सा शांत करने के लिए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार आगे आए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शरद पवार ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर विपक्षी दलों की हुई बैठक में शिव सेना की नाराज़गी से कांग्रेस नेतृत्व को अवगत कराया है.

इस बैठक में शामिल नेताओं के हवाले से पीटीआई ने बताया, ‘‘पवार ने साफ़ कहा कि महाराष्ट्र में सावरकर बड़े सम्मानित शख्सियत रहे हैं. इससे राज्य में विपक्षी दलों के गठबंधन को फ़ायदा नहीं पहुँचेगा.’’

विपक्षी दलों की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के अलावा सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद थे.

महाराष्ट्र विकास अघाड़ी में कांग्रेस के अलावा नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी और शिव सेना का उद्धव गुट भी साझेदार हैं.

बताया गया है कि पवार ने कांग्रेस नेतृत्व को यह भी बताया कि सावरकर कभी आरएसएस के सदस्य नहीं रहे.

पवार ने ज़ोर दिया कि विपक्षी दलों की मुख्य लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से है.

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

संसद की सदस्यता जाने के बाद अपने पहले प्रेस काॅन्फ्रेन्स में राहुल गांधी ने अपने बयानों के लिए माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया था.

उन्होंने कहा था, ‘‘वे सावरकर नहीं हैं और माफ़ी नहीं मांगेंगे.’’

राहुल गांधी के बयान की उद्धव ठाकरे ने आलोचना करते हुए कहा कि वे सावरकर का अपमान नहीं सहेंगे.

हिन्दुत्व के झंडाबरदार सावरकर के पोते ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी इस बात को साबित करें कि सावरकर ने ब्रिटिश शासन से माफ़ी मांगी थी.

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