Ganesh Chaturthi 2023: गणपति बप्पा की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखे।

गणेश चतुर्थी एक हिंदू त्योहार है जो बुद्धि और समृद्धि के हाथी के सिर वाले देवता भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है। यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है, और यह आमतौर पर हिंदू कैलेंडर के भाद्रपद महीने में आता है, जो आमतौर पर ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त या सितंबर से मेल खाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग अपने घरों या सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं, प्रार्थना करते हैं, अनुष्ठान करते हैं और जुलूस में भाग लेते हैं। यह त्यौहार आम तौर पर 10 दिनों तक चलता है, जिसका भव्य समापन “विसर्जन” कहा जाता है, जिसके दौरान मूर्तियों को जल निकायों में विसर्जित किया जाता है, जो अगले वर्ष उनकी वापसी की मांग करते हुए भगवान गणेश के प्रस्थान का प्रतीक है।

गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति बप्पा की पूजा करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए और कुछ बातों से बचना चाहिए। गणेश चतुर्थी पूजा के दौरान अपनाने योग्य और न करने योग्य बातें:

करने योग्य बातें (Dos):

शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा करते समय अपने शरीर और कपड़े को धूल और कीटाणु मुक्त रखें।

  • पूजा सामग्री की सफाई: पूजा सामग्री को साफ-सफाई से रखें और पूजा के लिए उपयोग करें।
  • गणपति बप्पा का स्वागत: पूजा का आगमन ध्यानपूर्वक करें और गणपति बप्पा का हृदय में स्वागत करें।
  • व्रत रखें: गणेश चतुर्थी के दिन उपवास करें और भगवान गणेश की अराधना करें।
  • गीत और स्तोत्र पठन: गणेश स्तुति, आरती, और गीत गाने में भाग लें।
  • दान करें: गरीबों और धन्यों को भोजन और वस्त्रादि देकर दान करें।

न करने योग्य बातें (Don’ts):

  • अशुभ समय में पूजा: अशुभ समयों में पूजा न करें, जैसे कि राहुकाल।
  • प्यासा रहना: उपवास के दिन प्यासे रहने की बजाय उपवासी भोजन करें।
  • अलंकरण की अत्यधिकता: अधिक आभूषण पहनने की बजाय मान्यता के अनुसार मिनिमल आभूषण पहनें।
  • प्रतिवर्ष स्थायी मूर्ति: बड़े स्थायी मूर्ति की जगह प्रतिवर्ष आगमन करने वाली मूर्ति का उपयोग करें।
  • अल्कोहल और अधिक श्रापित खाद्य: गणपति पूजा के दिन अल्कोहल या श्रापित खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
  • पूजा सामग्री को बिना शुद्धि किए तुरंत छोड़ना: पूजा समापन होने के बाद पूजा सामग्री को बिना शुद्धि किए तुरंत बाहर न निकालें।
  • प्रदूषण करना: ध्वनि, प्लास्टिक, और प्रदूषणकर्मी सामग्री का उपयोग न करें।

गणेश चतुर्थी पूजा को ध्यानपूर्वक और पवित्र भावना के साथ करने से गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त होती है।

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