सुलह की टेबल पर सरकार और पहलवान, क्या होगा अंजाम

Anurag Thakur Meets Wrestlers
Anurag Thakur Meets Wrestlers: दिल्ली में जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के प्रदर्शन के बाद से ही सरकार और बीजेपी पर बृजभूषण की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे थे. लेकिन जिस दिन देश को नई संसद मिल रही थी.
उस ऐतिहासिक दिन दिल्ली पुलिस ने भी महिला पहलवानों को जबरन जंतर मंतर से हटा कर देश के नाम नया इतिहास रचा.
नरेश टिकैत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को समझाया
मामले ने तूल पकड़ा तो खिलाड़ी अपनी सालों की मेहनत को गंगा में बहाने निकल पड़े.
लेकिन ऐन मौके पर बीकेयू नेता राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने हरिद्वार पहुंचकर खिलाड़ियों से उनके मेडल वापस ले लिए. फिर खुद राकेश टिकैत ने भी पहलवानों से भावनाओं में आकर कोई भी ग़लत कदम न उठाने की अपील की और 9 जून तक का समय मांगा.
सरकार ने की पहलवानों से इस मुद्दें को लेकर बातचीत
शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद खिलाड़ी वापस अपनी-अपनी ड्यूटी पर लौट गए.जिसके बाद मीडिया के बड़े-बड़े जिम्मेदार चैनलों ने खुद से ही आंदोलन के ठंडे बस्ते में जाने का ऐलान भी कर डाला. लेकिन पहलवानों ने जिम्मेदार चैनलों को टैग कर अपनी मांग और सत्याग्रह जारी रखने की बात कही. बृजभूषण को लेकर सरकार कहीं न कहीं प्रेशर में है. फिर किसानों की लगातार होती खाप पंचायतों से भी प्रदर्शनकारी पहलवानों को बल मिल रहा है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों और किसान नेता राकेश टिकैत को बातचीत के लिए अपने घर बुलाया. पूर्व कोच और पहलवान महावीर फोगाट ने भी सरकार के बुलावे पर कहा है कि.अच्छा है सरकार जाग गई. ताकि जल्द ही कोई समाधान निकल सके.
क्या PM मोदी का विदेशी दौरा है इन बैठकों की वज़ह
सूत्र बताते हैं कि बातचीत सकारात्मक रही है. लेकिन ये तीसरी बार है जब पहलवानों और सरकार के बीच में पिछले 6 महीनों मे मुलाकात हुई है. निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला है.
पीएम मोदी जल्द ही अमेरिका के दौरे पर भी जाने वाले हैं. और सरकार की मंशा है कि तब तक मामला सुलझा लिया जाए नहीं तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवालों से बचना मोदी के लिए भी मुश्किल हो सकता है. वहीं जिस तरह सरकार और खिलाड़ियों के बीच मुलाकातों का दौर बढ़ा है.
सवाल ये भी है कि सरकार क्या केवल पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों को सुलह की टेबल पर लेकर आई है. ताकि बैठक पर बैठक कर रास्ता निकाला जा सके.
पुलिस की कार्यवाही में भी आयी तेज़ी
तो दिल्ली पुलिस की कार्रवाई भी मामले में तेजी से आगे बढ़ी है. बृजभूषण के ख़िलाफ़ उठाए गए सवालों में पुलिस ने 200 से ज्यादा गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं. पहलवानों की तरफ़ से तीन महत्वपूर्ण मांगों पर दबाव दिया जा रहा है.
सबसे पहले कि अध्यक्ष की गिरफ़्तारी हो दूसरा नया अध्यक्ष चुनने पर बृजभूषण के परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद न हो और तीसरा खिलाड़ियों पर दर्ज सभी एफआईआर वापस ली जाएं.
मुमकिन है दो दिन में दिल्ली पुलिस राउज एवन्यू कोर्ट में मामले से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट भी दर्ज करा दे.
सरकार ने भी खिलाड़ियों को दिया आश्वासन
सरकार की ओर से होती बातचीत ने कहीं न कहीं खिलाड़ियों को भी मामला जल्द सुलझने की उम्मीद दी होगी.
प्रदर्शन कर रही खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व करने पहुंची साक्षी मलिक ने मुलाकात से पहले ये साफ़ किया था कि सरकार की ओर से जो भी प्रस्ताव दिया जाएगा उसे वरिष्ठजनों और समर्थकों के साथ साझा कर ही कोई फैसला लिया जाएगा.
बेटियों के इंसाफ़ की लड़ाई में क्या बृजभूषण की गिरफ़्तारी जल्द हो पाएगी.
यें भी पढ़ें: भारत की सैन्य शक्ति पर चीन ने उठाया सवाल, क्या भारत देगा इसका जवाब?
1 thought on “सुलह की टेबल पर सरकार और पहलवान, क्या होगा अंजाम”