आखिर बेटियों पर अत्याचार कबतक?
Politics or Responsibility: आदम से लेकर काली के कलयुग तक, जो एक चीज़ नहीं बदली वो है इज़्ज़त का औरत की योनि में होने की मानसिकता.
जब मणिपुर का वो वीडियो सामने आया. जिसमें कुछ इंसानी शक्ल के हैवान कुकी समुदाय की दो औरतों को बेआबरू कर सड़क पर घुमा रहे थे. उस वक़्तदिमाग सुन्न सा पड़ गया. अंदर से रूह कांप उठी मन में कई सवाल उठ रहे है.
मेरा मन मुझसे चिख- चिखकर पुछ रहा की बार- बार औरतें ही क्यों? क्योंकि औरत के बदन में उसकी क़ौम की इज़्ज़त बस्ती है, इसलिए? हर सभ्यता में जब-जब मार-काट हुई दंगा-फसाद हुआ है उसकी सबसे बड़ी क़ीमत न चाहते हुए भी औरतों को ही चुकानी पड़ी है. वही औरतें जिन्होंने कभी ये लड़ाई-दंगे-फसाद मांगे ही नहीं वही औरतें जो युद्ध के समय अपने पतियों के इंतज़ार में बच्चों को संभालती रहीं. वही प्रेमिकाएं जो युद्ध में अपने प्रेमी का इंतज़ार करते-करते आख़िरी दम भरने तक अपने आख़िरी आंसू संभाले रहीं वही औरतें जिन्हें हर युग में एक चीज़ की तरह इस्तेमाल किया गया. युद्ध लड़ने के लिए एक शास्त्र की तरह इस्तेमल किया गया.
मणिपुर के बाद अब बंगाल
Politics or Responsibility: मणिपुर में जो भी हुआ वो समाज, लोकतंत्र और सभ्यता पर एक धब्बा है और अभी मणिपुर की आग ठंडी भी नही हुई थी की बंगाल में महिला के साथ हिंसा और निर्वस्त्र घुमाने का मामला सामने आया है.
दरअसल, एक ग्राम पंचायत की महिला प्रत्याशी ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. घटना 8 जुलाई की बताई जा रही है, जिस दिन राज्य में पंचायत चुनाव का मतदान हुआ था. महिला प्रत्याशी का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उसे निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया. यह घटना हावड़ा जिले के पांचला इलाके का बताया जा रहा है, मामले में पांचला थाने में एफआइआर दर्ज हो चुका है. महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुझे तृणमूल के लगभग 40 उपद्रवियों ने मारा-पीटा, मेरी सीने और सिर पर डंडे से वार किया और मुझे मतदान केंद्र से बाहर फेंक दिया गया.
क्या जरूरी सियासत या जिम्मेदारी
Politics or Responsibility: वही मणिपुर के वायरल वीडियो पर सियासी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया.
मणिपुर हिंसा और वायरल वीडियो को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी और इसके नेता कांग्रेस को राजस्थान में खराब कानून-व्यवस्था का हवाला दे रहे हैं. इस बीच अशोक गहलोत सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर महिला सुरक्षा में फेल होने का आरोप लगाया है.
उन्होंने कहा कि हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए. दरअसल, राजस्थान विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी बिल पर बहस के दौरानमणिपुर में महिलाओं को उपद्रवी भीड़ के निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन में तख्तियां लहराईं. जिसके बाद ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने सख्त लहजे में अपने ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा की “राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए हैं. राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, ऐसे में हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए.”
राजस्थान में मणिपुर वाला हाल
- 19 साल की लड़की की बेरहमी से हत्या
- नाबालिग के साथ गैंगरेप,
- जोधपुर के ओसियां गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर शव जलाना
Politics or Responsibility: पैदा होने से लेकर कब्रस्तान या शमशान तक एक औरत की ज़िन्दगी में कई पड़ाव आते हैं. माहवारी, शरीर में बदलाव, उसे देखने वालों की नज़रों में बदलाव, बच्चा होने पर बदलावऔर इतने बदलावों में भी आदमियों के उन पर तंज कसने से लेकर. दफ्तरों में Sexist Jokes और महफिलों में बैठ कर चाय पीते हुए उनका मज़ाक बनाने तक का सफर किसी भी इंसान में ज़हर घोलेगा. ये बात तो ठीक है कि मणिपुर में जो हुआ वो एक धब्बे की तरह हमारे ज़हन में उतर चुका है. मगर ये जो रोज़ का उत्पीड़न है और ऐसी घटनाओं के पीछे का जो कारण है. उसे जब तक नहीं समझा जायेगा, लोगों की हैवानियत की वजह को जब तक नहीं उखाड़ा जायेगा. तब तक आदमी औरतों को अपनी इज़्ज़त. अय्याशी और मर्दानगी के लिए इस्तेमाल करता रहेगा.
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