2024 Elections: 2024 की शर्त मानेगी कांग्रेस ? आमने-सामने की जंग में कैसे निकलेगी काट!

2024 Elections

2024 Elections: 24 जून को बिहार में विपक्षी महाकुंभ की बैठक होने जा रही है. 2024 चुनाव के लिए एक एक दिन कम होता जा रहा है. हर कम होते दिन के साथ ही सभी राजनीतिक दल अपने-अपने दल को मज़बूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

क्या बरक़रार रह पाएगी विपक्षी एकता ! (2024 Elections)

जहां एक ओर 23 तारीख को 24 की तैयारियों को लेकर पटना में विपक्ष की महा बैठक होने वाली है. राजनीति के इस अखाड़े में पीएम को हराने के लिए विपक्ष को एकसाथ होना ही पड़ेगा. क्योंकि अलग-अलग विचारधारा वाली इन पार्टियों की मंजिल एक ही है. और बिना साथ के बात बनने वाली नहीं है.

कौन-कौन सी पार्टियां है विपक्ष में शामिल!

विपक्षी एकता की आगे की राह की नींव शर्तों पर है. फिर चाहे ममता हों या केजरीवाल या फिर हों अखिलेश. हर पार्टी अपने-अपने राज्यों के प्लस प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए आगे की प्लानिंग कर रही है.

TMC, सपा और  AAP जैसी पार्टियां चाहती हैं कि जिस जगह जिस पार्टी की दावेदारी मज़बूत है वहां दूसरी पार्टी को पीछे हट जाना चाहिए.

कांग्रेस पर है निशाना! (2024 Elections)

इस शर्त का इशारा कांग्रेस की ओर सबसे ज्यादा है. भले ही कांग्रेस खुद को बार-बार द ओनली नेशनल पार्टी होने का टैग देती है लेकिन इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि आज की तारीख में कई राज्यों में कांग्रेस का नामोंनिशान भी नहीं है.

ऐसे में बिना क्षेत्रिय पार्टियों के साथ के मज़बूत विपक्ष का दावा ठोंकना नाममुकिन सा है. क्या कांग्रेस सीट शेयरिंग पर राज़ी होगी.

सभी राज्यों में विपक्ष देगी एकजुट होकर टक्कर!

इसे सीटों के लिहाज़ से समझा जाए तो विपक्षी एकता की इस बैठक के ज़रिए 543 सीटों में कम से कम 450 सीटों पर एकजुटता दिखाने की कोशिश की जाएगी. इसमें यूपी की 80, बिहार की 40, बंगाल की 42, महाराष्ट्र की 48, दिल्ली की 7, पंजाब की 13 और झारखंड की 14 सीटों पर फोकस रहने वाला है.

विपक्ष का सुर…हम साथ-साथ हैं !

बैठक में शामिल होने वाली हर पार्टी इस स्टेटिस्टिक को बखूबी जानती और समझती है. विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में नीतीश कुमार ने मोर्चा संभाला जरूर हुआ है.

सीट शेयरिंग पर विपक्ष में बनेगी बात !

अलग-अलग दलों की दल-दल को एक पिच पर एकसाथ करना कितना आसान होगा. क्या कांग्रेस सीट शेयरिंग पर राज़ी होगी.

क्या कुछ राज्यों की प्रतिद्वंदिता भुलाकर पार्टियां एक साथ एक मंच पर आ पाएंगी. क्या मोदी को हराने के लिए विपक्ष महाएकता की महातस्वीर दिखा पाएगा.

कौन-कौन से दल बैठक में शामिल ?

JDU

RJD

कांग्रेस

TMC

सपा

शिवसेना (यूबीटी)

NCP

JMM

AAP

भाकपा

भाकपा (माले)

माकपा

नेशनल कॉन्फ्रेंस

पीडीपी

इंडियन नेशनल लोक दल

आरएलडी

कौन से दल नहीं होंगे शामिल

एकता बैठक में तेलंगाना के सीएम केसीआर और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक नहीं शामिल होंगे. तेलंगाना में बीआरएस और कांग्रेस प्रतिद्वंदी हैं. केसीआर ने नागरकुरनूल में अपने भाषण के दौरान कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा था कि पार्टी को बंगाल की खाड़ी में फेंक दो.

नवीन पटनायक की है गठबंधन से दूरी

वहीं 9 मई को नीतीश कुमार ने नवीन पटनायक से मुलाकात की थी. वह उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए न्योता देने गए थे. हालांकि बैठक के बाद पटनायक ने कहा था कि हमारी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई है.

किन राज्यों में कांग्रेस है प्रतिद्वंद्वी

पश्चिम बंगाल

उत्तर प्रदेश

बिहार

दिल्ली

पंजाब

450 सीटों को साधने का लक्ष्य (2024 Elections)

विपक्षी एकता की इस बैठक के ज़रिए 543 सीटों में कम से कम 450 सीटों पर एकजुटता दिखाने की कोशिश की जाएगी. इसमें यूपी की 80, बिहार की 40, बंगाल की 42, महाराष्ट्र की 48, दिल्ली की 7, पंजाब की 13 और झारखंड की 14 सीटों पर फोकस रहने वाला है.  

आमने-सामने की जंग में कैसे निकलेगी काट!

जाहिर है विपक्ष के लिए 24 एक आखिरी दांव है. अगर अब नहीं तो फिर कभी नहीं.

सीटों की कुर्बानी देगी कांग्रेस ?

भले ही कांग्रेस ने हाल ही में दो राज्यों में जीत हासिल की हो. इसमें कोई शक नही कि हिमाचल और कर्नाटक की जीत से कांग्रेस का जोश हाई है और 24 के रण में दम-खम भरने का दावा करती है लेकिन बिना क्षेत्रिय दलों के मोदी बनाम विपक्ष मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है..

Written By: Aarti Agravat

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