लोकसभा के विशेष सत्र में पेश किया गया महिला आरक्षण बिल

मंगलवार को नई संसद का गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश किया गया. इसके साथ ही इस नई संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश किया. महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम से पेश किया गया है.वहीं महिला आरक्षण बिल को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक बताया है.
2024 तक महिला आरक्षण की आस,2029 तक भी बनेगी बात?
बिल को लेकर नई संसद के शुरुआत में ही पीएम मोदी ने कहा की इस बिल से एक पावन शुरुआत हो रही है. अगर सभी की सम्मति से कानून बनेगा, तो इसकी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. फिलहाल इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया है. इसे बाद इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है की इस लोकसभा चुनाव यानी 2024 से पहले ये बिल पास हो जाएगा. लेकिन बिल पास होने के बाद ये लागू कब से होगा? इसे लेकर संशय बना हुआ है. जाहिर सी बात है कोई बिल पेश हो और बवाल ना हो तो कुछ कहना ही गलत होगा. बिल को लेकर विपक्षी पार्टियों ने बीजेपी सरकार को घेरते हुए इसे जुमला करार दिया है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया कि महिला आरक्षण बिल में साफ लिखा है गया है की ये बिल परिसीमन पूरा होने के बाद लागू होगा. लिहाजा किसी भी कीमत में 2029 से पहले ये महिला आरक्षण लागू नहीं हो सकता. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी यही कहा कि 2024 के चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन होने की उम्मीद नहीं है. ऐसे में सवाल ये उठता है की क्या 2024 से पहले महिला आरक्षण बिल पास हो पायेगा? क्या इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पास हो पाऐगा?