यूपी में बाढ़ से हाहाकार !

गंगा खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर
कानपुर में गंगा खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर है। इससे करीब एक दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुस गया है। इससे लोगों का जनजीवन प्रभावित हो गया है। जिला प्रशासन ने 3 नाव लगाकर ग्रामीणों को गंगा बैराज हाइवे पर राहत शिविर में शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है। हरिद्वार और नरौरा डेम से लगातार पानी छोडे जाने से गंगा खतरे के बिंदु को पार कर चुकी है। पानी कटरी से जुड़े गांवों में घुस गया है। गंगा नदी पिछले एक सप्ताह से उफान पर हैं। बैराज पर हर दिन हरिद्वार और नरौरा से करीब तीन लाख क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। गंगा खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही हैं। वही तेज बहाव से कटान शुरू हो गया है।
कई गांव बाढ़ की चपेट में
आपको बता दें कि, अभी तक चार गांव ही प्रभावित थे, लेकिन अब गंगा का जलस्तर और बढ़ने से पानी एक दर्जन से अधिक गांवों में घुस गया है। लोगो की माने तो सबसे ज्यादा खराब हालात चैनपुरवा,भोपाल का पुरवा और भगवानदीन पुरवा के हैं। और जहा पर जिनके कच्चे मकान हैं, उन परिवार को वहां से हटाकर राहत शिविर में शिफ्ट कराया जा रहा है। डीएम विशाख जी स्वयं बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा ले रहे है। उन्होंने राजस्व विभाग के लोगो की 24 घण्टे ड्यूटी भी लगा रखी है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन तैयार है।इसके साथ मेडिकल टीम को भी गांवो में तैनात करने के आदेश दिए गए है।
प्रशासनिक अधिकारी हुए मौन
आपको बताते चलें कि, गांवों में पानी खेतों के साथ सड़क और घरों में पहुंच चुका है। जिससे फसलें भी नष्ट हो गई है। जलभराव होने से सड़क मार्ग संपर्क टूट गया है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि, वह लोग खुद ही अपने और मवेशियों के रहने का इंतजाम गंगा बैराज हाइवे पर कर रहे है। उधर डीएम ने कहा है कि, गंगा का जलस्तर कम होने तक बाढ़ राहत शिविर में सभी परिवारों को राशन वितरित किया जाएगा। मगर वही ग्रामीणों का कहना है की केवल नाव की व्यवस्था की गई है बाकी कुछ नही है