पॉलीक्लीनिक भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा

झांसी जनपद के भरारी गांव में बना पशु विभाग का पॉलीक्लीनिक भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गया। लाखो करोड़ों रुपए की लागत से बना यह पशु अस्पताल विगत 5 वर्षो से निर्माणाधीन है जो कि कार्यदाई संस्था पिछले पांच साल से अभी तक पशु विभाग को नहीं सौंपा गया। आखिर सोचने वाली बात तो यह है कि इतना बड़ा गोलमाल कैसे संभव हो गया। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यदि यह पॉलीक्लिनिक चालू हो जाए तो हमे बहुत सुविधा हो जाएगी क्योंकि जब हमारे पशु बीमार होते है तो ग्रामीणों को सीधा झांसी लेकर भागना पड़ता है जो उनके लिए बहुत दूर पड़ता है ग्रामीणों का लगातार कहना है कि हम महंगे महंगे जानवर पलते हैं लेकिन कोई समस्या हो जाए तो इस पॉलीक्लिनिक के बंद होने के कारण हमें समस्या हो जाती है और कभी-कभी तो पशु झांसी तक ले जाते समय रास्ते में ही मृत हो जाते हैं। और जब  हमारे जिला संवाददाता ने इस विषय में पशु चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने अपना विभागीय पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह कार्यदाई संस्था की लापरवाही है जो अभी तक विभाग को और पॉली क्लिनिक नहीं सौप पाई  हमारे द्वारा लगातार कड़ाई से संस्था को पत्राचार किया जा रहा है मगर सोचने वाली बात यह है कि लगातार पत्राचार होने के बाद भी यदि पशु चिकित्सा पॉली क्लिनिक कार्यदाई संस्था के द्वारा नहीं सौंपा जा रहा है तो उस कार्यदाई संस्था पर कार्रवाई क्यों नहीं होती।

अधिकारियों की लापरवाही से लोग हो रहे परेशान

आखिर क्यों जिम्मेदार अधिकारी आंखो पर काली पट्टी बांध कर मौन बैठे है। कही न कही विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से यह पशु पॉली चिकित्सालय भ्रष्टाचार की भेट चढ़ता नजर  जा रहा है।

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *