गंगाजल ने पूरे किए 20 साल !

हिंदी सिनेमा में अक्सर देखने को मिलता है कि पुलिस वालों को काफी महत्व दिया जाता है. किसी फिल्म में वो अच्छे अधिकारी बनते हैं, तो किसी में सिस्टम को भ्रष्ट करने वाले होते हैं. ऐसी कई फिल्में है जिनकी स्टोरी अच्छे और बुरे पुलिस वालों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है. इन मूवी को मनोरंजन के लिए बनाया जाता है, लेकिन कुछ ऐसी भी फिल्में हैं, जो लोगों को हिला कर रख देती हैं. 29 अगस्त 2003 को आज से 20 साल पहले एक ऐसी ही एक्शन-क्राइम फिल्म रिलीज हुई थी, जिसका नाम था ‘गंगाजल’. इस फिल्म को प्रकाश झा ने बनाया था. फिल्म में मुख्य किरदार अजय देवगन ने निभाया था. लोगों ने इसे खुब पसंद किया और ये सुपरहिट साबित हुई. गंगाजल मूवी से जुडे़ ऐसे कई किस्से हैं, जो शायद बहुत कम लोगों को पता होंगे. चलिए जानते हैं उनके बारे मे।

क्या थी फिल्म की कहानी

इस फिल्म का नाम ‘गंगाजल’ है, जिसका मतलब है गंगा नदी का पानी. हमारे भारत में गंगाजल को पवित्र माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इसके छूने से ही इंसान पवित्र हो जाता है, लेकिन इस फिल्म में जिस तेजाब (एसिड) का इस्तेमाल पुलिस वाले संदिग्ध अपराधियों की आंखों में डालने के लिए करते हैं, उसे उन्होंने गंगाजल नाम दिया होता है. पुलिस वालों ने ऐसा नाम इसलिए दिया क्योंकि वे कथित तौर पर समाज को साफ कर रहे थे. इसके बाद फिल्म में एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर अमित कुमार को शहर में अपराध दर कम करने के लिए नियुक्त किया जाता है. वहां उसे क्रूर अपराधियों से निपटने के दौरान भ्रष्ट साथी अधिकारियों और राजनेताओं का सामना भी करना पड़ता है.

एक सप्ताह तक बंद रही स्क्रीनिंग

ये फिल्म रिलीज होने के बाद विवादों से घिर गई थी. फिल्म में विलेन का किरदार साधु यादव ने निभाया था। यह नाम एक नेता से मिलता-जुलता था. उन्हें जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. उनके समर्थकों ने पटना में वीणा और अप्सरा सिनेमा में तोड़फोड़ भी की, जिसकी वजह से वहां एक सप्ताह तक फिल्म की स्क्रीनिंग बंद करनी पड़ी. इसके बाद प्रकाश झा सामने आए और उन्होंने यह साफ किया कि उस किरदार का किसी से कोई संबंध नहीं है, जिसके बाद फिल्म की स्क्रीनिंग शुरू हुई और बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की.

अजय से पहले इन्हें ऑफर हुई थी फिल्म

प्रकश झा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अजय देवगन ने आईपीएस अफसर अमित कुमार का किरदार निभाया था. फिल्म रिलीज होने के बाद अजय की एक्टिंग की खूब तारीफ की गई. बता दें कि इस फिल्म के लिए प्रकाश की पहली पसंद अजय नहीं थे. उन्होंने ये फिल्म सबसे पहले अक्षय को ऑफर की थी, लेकिन अक्षय ने फिल्म में हिंसा और वायलेंस होने की वजह से इसे रिजेक्ट कर दिया था. ऐसा भी कहा जाता है कि ये फिल्म संजय दत्त को भी ऑफर हुई थी, लेकिन उन्होंने भी इसे करने से मना कर दिया था. जिसके बाद ये फिल्म अजय की झोली में आई. इस फिल्म के सुपरहिट होने के बाद प्रकाश और अजय की जोड़ी ने अपहरण, सत्याग्रह और राजनीति जैसी कई अन्य फिल्मों में साथ काम किया.

कई डायरेक्टर ‘गंगाजल’ बनाने में हुए विफल

प्रकाश झा से पहले कई डायरेक्टर ने ‘गंगाजल’ फिल्म बनाने का प्रयास किया, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए. साल 1979 में जाने-माने डायरेक्टर कुंदन कुमार गंगाजल नाम से फिल्म बनाने वाले थे, इसमें उन्होंने जीतेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती को साइन भी कर लिया था. परंतु उनकी अचानक मौत के बाद यह फिल्म बंद हो गयी . इसके अलावा दिग्गज अभिनेता और फिल्म मेकर मनोज कुमार भी ‘गंगाजल’ नाम से फिल्म बनाने वाले थे, लेकिन उनका भी यह प्रोजेक्ट हमेशा के लिए बंद हो गया. प्रकाश झा ने साल 2016 में प्रियंका चोपड़ा के साथ इस फिल्म का सीक्वल भी बनाया. यह फिल्म ‘जय गंगाजल’ नाम से रिलीज हुई, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं कर पाई.

बिहार नहीं महाराष्ट्र में हुई थी शूटिंग

इस फिल्म की कहानी बिहार की पृष्ठभूमि पर आधारित थी, लेकिन इसकी शूटिंग महाराष्ट्र के वाई, पंचगनी, सतारा आदि जगहों पर हुई. वहां के ग्रामीण नागरिकों ने फिल्म में अहम भूमिका निभाई. महाराष्ट्र के आस पास शूटिंग करने की एक वजह यह भी थी कि बिहार जाकर पूरी टीम के साथ शूटिंग करना महंगा पड़ता. इन सबके चलते प्रकाश झा ने महाराष्ट्र के पास कुछ ऐसी जगहें ढूंढ़ी, जो उत्तर भारत के कल्चर से मेल खाती लगती हो.

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