राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के फ़ैसले पर क्या बोले बीजेपी के नेता
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के निर्णय को अदालत का फ़ैसला करार दिया है.
उनका कहना है कि ये कोई राजनीतिक निर्णय नहीं है और क़ानून की नज़र में सब बराबर हैं. केंद्रीय विधि और न्याय राज्य मंत्री एसपीएस बघेल ने लोकसभा सचिवालय के फ़ैसले को ‘वैध’ करार दिया है.
उन्होंने बीजेपी के एक एमएलए का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के एक पार्टी विधायक की हाल ही में एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि फ़ैसला क़ानूनी है और उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस न्यायपालिका पर सवाल उठा रही है.
उन्होंने कहा, “ये एक क़ानूनी फ़ैसला है और किसी राजनीतिक दल ने ये निर्णय नहीं किया है. ये अदालत का फ़ैसला किया है. कांग्रेस को ये स्पष्ट करना चाहिए कि वो किनका विरोध कर रहे हैं.”
बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव ने कहा, “क्या एक पूरे समाज को चोर बोल सकते हैं? क्या कांग्रेस जैसी पार्टी के लिए छोटे समाज और ओबीसी समाज का अपमान करना और माफी भी न मांगना ही अभिव्यक्ति की आज़ादी है. गाली देने में और आलोचना करने में अंतर है. वे (राहुल गांधी) ओबीसी समाज को गाली देने का काम कर रहे थे जिसकी वजह से उन्हें सजा हुई.”
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