‘परमाणु वैज्ञानिक’ बनने के लिए इस हॉलीवुड एक्टर ने पढ़ डाली भागवत गीता
OPPENHEIMER: कुछ दिनों से हॉलीवुड एक्टर सिलियन मर्फी अपनी अमकमिंग फिल्म ‘ओपनहाइमर’ को लेकर लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं. इसके पीछे की वजह भागवत गीता है.
सिलियन ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में खुलासा किया कि इस फिल्म में अपने रोल को समझने के लिए उन्होंने भागवत गीता पढ़ी. इसके साथ ही सिलियन ने भागवत गीता और अपने रोल को लेकर कुछ ऐसी बातें बताई कि वो इन दिनों हर तरफ छाए हुए हैं. दरअसल ओपेनहाइमर फिल्म में दूसरे विश्व युद्ध के समय के परमाणु विध्वंस को दिखाया गया है.
ये फिल्म परमाणु वैज्ञानिक की लाइफ पर बेस्ड है जिसने परमाणु बम का निर्माण किया था. वही आपको बता दे की इस हॉलीवुड फिल्म में दिखाया जाएगा कि कैसे जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर ने द्वितीय विश्वयुद्ध से पहले परमाणु बम का निर्माण किया था. इतना ही नहीं जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने एक लाइन कही थी “अब मैं विनाश बन गया हूं”.
जे रॉबर्ट के किरदार को समझने के लिए पढीं भागवत गीता
OPPENHEIMER: ये लाइन साइंटिस्ट ने भागवत गीता पढ़ने के बाद कही थी. जे रॉबर्ट की इसी मानसिक स्थिति को अच्छे से समझने के लिए सिलियन ने भागवत गीता पढ़ी ताकि वो फिल्म में वैज्ञानिक के रोल को अच्छे से समझ सके. बता दे की महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो भी उपदेश दिया था उसे श्रीमदभागवत गीता में संकलित किया गया है. इस भागवत गीता को पढ़ने के एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए सिलियन ने कहा- ‘ये मुझे बहुत इंस्पायरिंग लगी. बहुत सुंदर पाठ है और प्रेरणादायक भी है. मुझे लगता है कि वैज्ञानिक जे रॉबर्ट के लिए ये सांत्वना थी.’
बता दे की सिलियन का भागवत गीता पढ़ने वाला बयान काफी तेजी से वायरल हो रहा है. वहीं भारत के लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो रहा है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी विदेशी एक्टर ने भागवत गीता पढ़ी हो. सिलियन से पहले विल स्मिथ भी भागवत गीता पढ़ चुके हैं. लेकिन उन्होंने ऐसा किसी फिल्म की शूटिंग के लिए नहीं किया था. विल को भारत के इतिहास और कल्चर में काफी दिलचस्पी है इसी वजह से उन्होने इस ग्रंथ को पढ़ा था. वही ऐसा माना जाता है कि ओपेनहाइमर को संस्कृत के प्रति गहरा आकर्षण था। ओपेनहाइमर का सबसे अधिक बार दोहराया जाने वाला स्टेटमेंट था- मैं मृत्यु बन गया हूं दुनिया को नष्ट करने वाला ।
कौन थे वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर?
OPPENHEIMER: वैज्ञानिक ओपेनहाइमर मूल रूप से जर्मनी के रहने वाले थे, जिनके पिता जर्मनी से भागकर अमेरिका आ गए और न्यूयॉर्क शहर में कपड़ा आयात करके अपना भाग्य बनाया था.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ओपेनहाइमर ने लैटिन, ग्रीक, भौतिकी और रसायन विज्ञान में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था. 1925 में ग्रेजुएट होने के बाद वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कैवेंडिश प्रयोगशाला में रिसर्च करने के लिए इंग्लैंड चले गये और लॉर्ड अर्नेस्ट रदरफोर्ड के नेतृत्व में परमाणु संरचना पर काम करते हुए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की थी.
कैवेंडिश में ओपेनहाइमर को परमाणु रिसर्च को आगे बढ़ाने के प्रयासों में ब्रिटिश वैज्ञानिक समुदाय के साथ सहयोग करने का अवसर मिला. लीडेन और ज्यूरिख में विज्ञान केंद्रों की संक्षिप्त यात्राओं के बाद, वह बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकी पढ़ाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका लौट आए. वही 1939 में नाज़ी जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण के बाद भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन, लियो स्ज़ीलार्ड और यूजीन विग्नर ने अमेरिकी सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर नाज़ी परमाणु बम बनाने में कामयाब हो गये, तो पूरी मानवता के सामने खतरा पैदा हो जाएगा. जिसकी वजह से अगस्त 1942 में अमेरिकी सेना को सैन्य उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने का तरीका खोजने के लिए ब्रिटिश और अमेरिकी भौतिकविदों के प्रयासों को व्यवस्थित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है.
क्रिस्टोफर नोलन व्दारा बनाई गई फिल्में
OPPENHEIMER: वही आपको बता दे की क्रिस्टोफर नोलन ने OPPENHEIMER फिल्म को बनाया है जिन्हें मेमेंटो, इंसेप्शन और द डार्क नाइट ट्रिलॉजी जैसी आइकोनिक फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है, आधे फैंस तो इसलिए ही फिल्म के लिए बेताब हैं क्योंकि इसका डायरेक्शन नोलन ने किया है। दरअसल ये फिल्म भारत में 21 जुलाई 2023 को रिलीज होगी, इसका बॉक्स ऑफिस पर फिल्म बार्बी से सामना होगा जिसने भी अच्छा खासा हाइप क्रिएट कर दिया है।
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