भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बराक ओबामा पर साधा निशाना, ओबामा ने भारत में मुसलमानों को लेकर जताई थी चिंता!

Nirmala Sitharaman Targeted Barak Obama

Nirmala Sitharaman Targeted Barak Obama

Nirmala Sitharaman Targeted Barak Obama: भारत कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर तंज कसते हुए कहा कि जिनके कार्यकाल में सात मुश्लिम देशों पर बमबारी हुई, वो भारत पर टिप्पणी कर रहे है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऐसे लोग भारत के खिलाफ़ आरोप लगा रहे है तो उन पर कौन भरोसा करेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 20 जून को पहले स्टेट विजिट पर अमेरिका पहुंचे थे तो बाइडन प्रशासन ने उनके स्वागत में कोई कसर नही छोड़ी थी.

लेकिन इसी दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मोदी सरकार पर बहुसंख्यकवाद की राजनीति करने के लग रहे आरोप को लेकर जो टिप्पणी की उसकी चर्चा गर्म हो गई थी.

इसके बाद जब पीएम मोदी पिछले हफ़्ते व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन के साथ बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सामने आए तो अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक पत्रकार ने भारत में मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछ दिया.

पीएम मोदी ने इस सवाल के जवाब में कहा था कि भारत के डीएनए में लोकतंत्र है.

पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने ट्वीट करते हुए ओबामा पर निशाना साधा. और अब निर्मला सितारमण ने भी ओबामा को निशाने पर ले लिया है.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक़ ओबामा ने भारत के मुसलमानों को लेकर जताई चिंता!

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एक इंटरव्यू में कहा था, “हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की बात करना अहम है.

अगर मेरी मोदी से बात होती तो मेरा तर्क होता कि अगर आप अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा नहीं करते हैं तो मुमकिन है कि भविष्य में भारत में विभाजन बढ़े. ये भारत के हितों के उलट होगा.”

निर्मला सीतारमण ने बराक़ ओबामा की भारत को लेकर बयानबाजी पर दिया जबाव! (Nirmala Sitharaman Targeted Barak Obama)

सीतारमण ने कहा, ”अमेरिका से हम अच्छी दोस्ती चाहते हैं. मगर उनकी तरफ़ से धार्मिक सहिष्णुता पर बयान आ जाते हैं. पूर्व राष्ट्रपति जी कुछ बातें बोल रहे हैं.

जहां छह मुस्लिम बहुल आबादी देशों के ख़िलाफ़ उनके शासन में बमबारी हुई.

सीरिया, यमन, सऊदी, इराक़… मेरा पास स्पष्ट आंकड़ा नहीं है पर सात देशों के ख़िलाफ़ युद्ध जैसे हालात बने. 26 हज़ार से ज़्यादा बम गिराए गए. ऐसे देश भारत के ख़िलाफ़ जब आरोप लगाते हैं तो उन पर कौन भरोसा करे.”

ओबामा की आलोचना

वॉशिंगटन पोस्ट ने बराक ओबामा पर की जा रही टिप्पणियों पर ख़बर की है.

इस ख़बर में कहा गया है कि बीजेपी में उभरते सितारे और अच्छी ख़ासी मुस्लिम आबादी वाले असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने भारतीय पुलिस से भारत के ”कई हुसैन ओबामा” पर गौर करने की बात कही है.

अमेरिकी मीडिया में कवरेज में पीएम मोदी से जुड़ी एक बात का ख़ास ज़िक्र किया गया.

बीते 9 सालों में बतौर प्रधानमंत्री ये पहली बार था, जब पीएम मोदी लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का सामना कर रहे थे.

अमेरिकी न्यूज़ चैनल सीएनएन ने भी मोदी के दौरे का व्यापक रूप से करवेज किया था.

सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था, ”मोदी की लोकप्रियता भारत में जबर्दस्त है लेकिन अधिनायकवाद की तरफ़ उनका झुकाव पश्चिम को चिंतित करता है.

उन्होंन असहमति तो नकार दिया है, पत्रकारों को निशाने पर लिया है और जिन नीतियों को उन्होंने आगे बढ़ाया है, उसे मानवाधिकार समूह मुसलमानों के ख़िलाफ़ भेदभावपूर्ण बताते हैं.”

सीएनएन ने लिखा है, ”भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है और एशिया में बाइडन की रणनीति में भारत अहम किरदार बनकर उभरा है.

भारत ने हाल ही में आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है. बाइडन का मानना है कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या का निदान भारत को साथ लिए बिना संभव नहीं है.”

बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया

फ़रवरी में पीएम मोदी पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक टिप्पणी की थी.

इस टिप्पणी के बाद असम पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से पवन खेड़ा को हिरासत में ले लिया था.

खेड़ा तब फ्लाइट से कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने छत्तीसगढ़ जा रहे थे.

पीएम मोदी ने अमेरिका में कहा था, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में धर्म, जाति, उम्र या भू-भाग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. हमारी सरकार लोकतंत्र के मूल्यों के आधार पर बने संविधान के आधार पर चलती है तो “पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं उठता है”.

उन्होंने कहा था, “प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने प्रेस और सिविल सोसाइटी पर कड़ा प्रहार किया है, राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया है और आक्रामक हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा दिया है.

जिसकी वजह से भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए काफ़ी कम स्पेस बचा है. राष्ट्रपति बाइडन को पीएम मोदी के साथ बैठक में ये तथ्य रखने चाहिए.

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