मुज़फ़्फ़रनगर दंगे: रेप के मामले में दो अभियुक्तों को बीस साल की सजा

Muzaffarnagar Riots: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में साल 2013 दंगों के दौरान हुए गैंगरेप के एक मामले में उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने तीन अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया है. इनमें एक अभियुक्त की पहले ही मौत हो चुकी है.
जीवित बचे दो अभियुक्तों को अदालत ने बीस-बीस साल की सज़ा सुनाई है और पंद्रह-पंद्रह हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है.
2013 में दंगों के दौरान मुस्लिम महिला के साथ हुए गैंगरेप के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विशेष पॉक्सो अदालत में रोजाना सुनवाई शुरू हुई थी.
फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में 9 साल से चल रहे इस मामले की धीमी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की पीठ ने हैरत जताते हुए नाराज़गी भी व्यक्त की थी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में रोज़ाना सुनवाई चल रही थी. मंगलवार को अदालत ने पहले अपना फ़ैसला सुनाते हुए जीवित बचे दोनों अभियुक्तों महेशवीर और सिकंदर को दोषी क़रार देते हुए सज़ा का आदेश दिया है.
मुज़फ़्फ़रनगर दंगों (Muzaffarnagar Riots) के दौरान रेप के सात मामले दर्ज किए गए थे. ये एकमात्र मामला है जिसमें सज़ा हुई है. पांच मामलों में अभियुक्त बरी हो चुके हैं और एक मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी.