2024 के लिए माया का आखिरी दांव, किसका पल्ला पड़ेगा भारी!

Mayawati's Meeting In Lucknow

Mayawati's Meeting In Lucknow

Mayawati’s Meeting In Lucknow Tomorrow: देश में अगले साल यानी की 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाला है. जिसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने कमर कस ली है.

जहां विपक्ष 23 जून को पटना में एकजुटता बैठक में अपनी एकता और शक्ति का एहसास दिलाने और सत्ता पक्ष में अपना डर पैदा कराना चाहती है.

वहीं दूसरी तरह बीजेपी मोदी सरकार के 9 साल की उपलब्धियां लोगों तक गांव-गांव, शहर-शहर जा कर पहुंचा रही है.

हालांकि 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में बसपा सुप्रीमो मायावती शामिल नहीं होंगी.

2024 के लिए मायावती करेंगी बैठक में रणनीति तैयार

Mayawati’s Meeting In Lucknow Tomorrow: बसपा सुप्रीमो मायावती राजनीति की वो धुरंधर है जो राजनीति का मुद्दा ही बदल देती है. मंगलवार को मायावती ने कुछ ऐसा ही कर दिया.

बसपा सुप्रीमों मायावती कल यानि बुधवार को लखनऊ में एक बैठक आयोजित करने जा रहीं है जहां वो पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर आगे आने वाले चुनावों की रणनीति तैयार करेंगी.

इस बात की जानकारी मायावती ने खुद tweet करके दी है. अब बात जब लोकसभा चुनाव की हो तो सबसे ज्यादा सांसद चुन कर भेजने वाले सूबे उत्तर प्रदेश में सियासी पारा हाई होना स्वभाविक है. 

क्या सपा के PDA को बसपा दे पाएगी मात ?

Mayawati’s Meeting In Lucknow Tomorrow: अखिलेश यादव ने हाल ही में एक नए समीकरण की तरफ इशारा किया है.

सपा प्रमुख ने हाल ही में कई मंचों पर कहा की BJP के NDA को अगले साल के आम चुनावों में ‘पीडीए’ से हराया जाएगा, जिसे उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक के रूप में परिभाषित किया.

जिसको लेकर मायावती ने नाराजगी जताई थी. क्या अखिलेश के लोकसभा में 80 में से पूरे 80 सीट आने वाले सपने का बसपा सेंध लगायेगी.

मायावती का सपा पर पलटवार

Mayawati’s Meeting In Lucknow Tomorrow: मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा था की ‘पीडीए’ का नाम लेकर सपा सिर्फ पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक को रिझाने की कोशिश कर रही है.

ऐसे में सवाल ये उठता है की बसपा की ये बैठक क्या कोई सियासी घमासान मचाने वाली है.

आखिर मायावती ने इस बैठक की तारीख विपक्ष के बैठक से दो दिन पहले ही क्यों रखी. क्या इस बैठक का मकसद बसपा के गिरते ग्राफ हो बढ़ाना है.

क्या मायावती दिखा पाएंगी 24 में अपना जलवा ?

Mayawati’s Meeting In Lucknow Tomorrow: यूपी की सियासत में कभी शीर्ष पर रही बहुजन समाज पार्टी आज तीसरे-चौथे स्थान के लिए कांग्रेस समेत अन्य छोटी पार्टियों से संघर्ष कर रही.

पार्टी के लगातार सिकुड़ते जनाधार से कार्यकर्ताओं और नेताओं में बेचैनी है.

निकाय चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद अब बीएसपी अगले साल होने वाले आम चुनाव की तैयारियों में जुट गई है.

क्यूंकि मायावती ये भलीभांति जानती हैं कि अगर 2024 के चुनाव में उन्हें कामयाबी नहीं मिली तो वो और उनकी पार्टी का वुजूद खतरे मे पड़ जाएगा.

इसलिए उनके लिए 2024 का चुनाव करो या मरो जैसा साबित होगा.

बसपा छोड़ दूसरे दलों में जाने वाले बड़े नेता

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक 

स्वामी प्रसाद मौर्य

रामगोपाल यादव 

बृजलाल खबरी 

नसीमुद्दीन सिद्दीकी

नकुल दुबे

वीरेंद्र चौधरी

अनिल यादव 

लालजी वर्मा

 रामअचल राजभर

इंद्रजीत सरोज

दारा सिंह चौहान

लक्ष्मी नारायण चौधरी

 जयवीर सिंह

नंद गोपाल नंदी

दिनेश प्रताप सिंह 

2019 लोकसभा चुनाव में बसपा को कितनी सीटें मिली थी?

2019 में सपा बसपा गठबंधन कोई खास करिश्मा नहीं दिखा पाया. बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आई तो वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. 

2022 विधानसभा में बसपा को कितनी सीटें मिली थी?

2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने मात्र एक सीट पर जीत हासिल की थी और उसका वोट प्रतिशत तकरीबन 22 से घटकर 12 पर रह गया था.

यें भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को दिया बड़ा झटका, केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती ब़रकरार!

Spread the News

2 thoughts on “2024 के लिए माया का आखिरी दांव, किसका पल्ला पड़ेगा भारी!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *