ललिता सहस्रनाम पाठ: बड़े से बड़ा कष्ट होगा दूर
Lalita Sahasranama: दस महाविद्याओं में से एक हैं मां त्रिपुरसुन्दरी अर्थात मां ललिता. मां ललिता की उपासना करना तमाम दुखों को दूर करता है, साथ ही हर मनोकामना पूरी करता है. शक्तिस्वरूपा मां ललिता की उपासना करने के लिए नवरात्रि का समय सबसे उत्तम होता है. जो भी भक्त मां ललिता देवी की पूजा पूरी भक्ति-भाव से करते हैं उन्हें देवी मां की कृपा अवश्य प्राप्त होती है. ऐसे भक्तों को अपने जीवन में हमेशा खूब सुख, शांति और समृद्धि मिलती है. जीवन में भौतिक सुख और धन-दौलत भी जरूरी हैं और यह सब पाने के लिए मां ललिता की कृपा प्राप्त करना जरूरी है.
ललिता सहस्रनाम स्तोत्र पाठ
मां ललिता देवी की कृपा पाने का सबसे अच्छा तरीका है नवरात्रि में रोजाना ललिता सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना. ललिता सहस्रनाम में मां ललिता देवी के एक हजार नामों का उल्लेख है. इसमें श्लोकों का क्रम कुछ ऐसा है कि मां के मस्तक से लेकर सुन्दर चरणों तक की अद्भुत सुंदरता का वर्णन बड़ी खूबसूरती से किया गया है. ललिता सहस्रनाम का पाठ करने में मुश्किल से 30 मिनट का समय लगता है. 22 मार्च से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि के दौरान ललिता सहस्रनाम का पाठ करना बहुत लाभ देगा. ललिता सहस्रनाम पाठ करने से जीवन में कभी भी धन-दौलत की कमी हीं होती है. आपको बता दें कि चैत्र नवरात्रि 30 मार्च तक चलेंगी. यह पाठ लगातार 40 दिन तक करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
ललिता सहस्रनाम पाठ करने का तरीका
सुबह या शाम के समय स्नान करके साफ कपड़े पहनें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आसन पर बैठ जाएं. दीपक जलाएं और मां ललिता देवी का स्मरण करें. फिर ललिता सहस्रनाम स्तोत्र का पूरे भक्ति-भाव से पाठ करें. माता ललिता देवी से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें.