कर्नाटक-तैयारियों में तेजी, शपथ बाकी, किस किस को शपथ समारोह में बुलावा दिया

arnataka CM Oath:-कर्नाटक जीत के बाद मुख्यमंत्री सीट पर उठापटक के साथ ही सीएम पद की शपथ के लिए कर्नाटक सज चुका है. तैयारियां पूरी हो चुकी हैं
Karnataka CM Oath:-कर्नाटक जीत के बाद मुख्यमंत्री सीट पर उठापटक के साथ ही सीएम पद की शपथ के लिए कर्नाटक सज चुका है. तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. न्योते भेजे जा चुके हैं. बस कुछ बाकी है तो सिद्धारमैया की पद और गोपनियता की शपथ. राज्यपाल थावरचंद गहलोत सिद्धा को उनके दूसरे कार्यकाल की शपथ दिलवाएंगे.
सब कुछ सेट है लेकिन ट्विस्ट है निमंत्रण नहीं दिए जाने वाले नेताओं पर…एक तरफ़ तो सभी विपक्षी पार्टियां 2024 के लिए एकजुट होने की बात कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ़ उन्हीं विपक्षी पार्टियों के नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्योता न मिलना. इनमें कई बड़े नाम शामिल हैं.
सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण नाम है दिल्ली के सीएम और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल का. दूसरा महत्वपूर्ण नाम तेलंगाना के सीएम और TRS अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव का.. नाम कई हैं.. फेहरिस्त लम्बी है.. कुछ नाम ऐसे भी हैं जिन्हें न्योता मिला
उनमें से कुछ ने शपथ ग्रहण में शामिल होने से दूरी बनाई है..इस लिस्ट में नाम आता है ममता बनर्जी का. आखिरकार विपक्षी एकता में दरार कहां है..क्योंकि मंच तो विपक्षी एकता का गवाह बनते रहे हैं लेकिन चुनावों में सीटों पर अक्सर दिल टूटते भी रहे हैं.
कर्नाटक में तैयारियां तेज, कांग्रेस में जोश (Karnataka CM Oath)
कर्नाटक में कांग्रेस की इस जीत ने न सिर्फ बीजेपी को सत्ता से बेदखल किया है, बल्कि देशभर में अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने का काम भी किया. कांग्रेस के थिंक टैंक का मानना है कि यह जीत 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं में ऊर्जा भरने का भी काम करेगी. कांग्रेस सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण को भव्य बनाकर विपक्षी एकता का भी संकेत देना चाहती है.
लेकिन क्या हैं केजरीवाल, केसीआर को शपथ में नहीं बुलाने के मायने और क्यों बनाई है ममता ने दूरी.. 2024 के इस अग्निपथ को और बारिकी से समझने की कोशिश करेंगे. देश की बात में..
कांग्रेस ने इन नेताओं को भेजा निमंत्रण (Karnataka CM Oath)
– बिहार के सीएम नीतीश कुमार
– बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव
– तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन
– झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
– पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती
– सीपीआई के महासचिव डी राजा
– सीपीआई (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी
– बंगाल की सीएम ममता बनर्जी
– सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव
– एनसीपी प्रमुख शरद पवार
– महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे
– अभिनेता और एमएनएम प्रमुख कमल हासन
कांग्रेस ने इन नेताओं को नहीं भेजा निमंत्रण
– दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
– तेलंगाना के सीएम केसीआर
– केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन
– आंध्र प्रदेश के सीएम जगनमोहन रेड्डी
– ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक
केजरीवाल-केसी आर को निमंत्रण न भेजने के सियासी मायने
- दिल्ली में आप ने कांग्रेस को शिखर से शून्य पर पहुंचाया
- पंजाब में सत्ता से किया बेदखल
- गुजरात में आप ने काटे कांग्रेस के वोट
- गोवा में भी कांग्रेस की वोट कटवा बनीं आप
- आने वाले चुनावों में भी नुकसान पहुंचा सकती है आप
- दोनों पार्टियों के बीच हमेशा से ही रही है खटास
- बिना कांग्रेस-बिना बीजेपी के फ्रंट बनाने में जुटे केसीआर
पी विजयन-जगन को न्योता क्यों नहीं?
दोनों राज्यों में भी कांग्रेस का सीधे तौर पर मुकाबला इन्हीं पार्टियों से होता है.
केरल में 2021 में विधानसभा चुनाव में 62 सीटों के साथ CPI(M) सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. पार्टी को 25.5% वोट मिले थे. वहीं, कांग्रेस ने 21 सीटें जीती थीं. जबकि पार्टी को 25.2% वोट मिला था.
जगन मोहन रेड्डी पीएम मोदी के करीबी भी माने जाते हैं. कई मौकों पर उनकी पार्टी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर संसद में एनडीए सरकार की मदद भी करती है.
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को भी न्योता नहीं भेजा
पटनायक ने हाल ही में विपक्षी एकता की क़वायद में लगे बिहार के सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. हालांकि उन्होंने एक दिन बाद ही साफ कर दिया था कि वे किसी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी बीजद लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ेगी.
कर्नाटक जीत पर तेलंगाना के सीएम केसीआर का तंज
‘हाल ही में आपने कर्नाटक चुनाव देखा है, बीजेपी सरकार हार गई और कांग्रेस सरकार जीत गई. कोई जीत गया, कोई हार गया. लेकिन क्या बदलेगा? क्या कोई बदलाव होगा? नहीं, कुछ बदलने वाला नहीं है. पिछले 75 सालों से कहानी दोहराती रहती है, लेकिन उनमें कोई बदलाव नहीं है. उन्होंने कांग्रेस को लेकर ये तंज किया है और अब वह इशारे में कह रहे हैं कि कर्नाटक में कुछ भी बदलने वाला नहीं है.