यूपी के पूर्व मंत्री ने 59 साल की उम्र में पास की 12वीं बोर्ड की परीक्षा
यूपी के पूर्व मंत्री 59 साल के प्रभुदयाल वाल्मीकि ने यूपी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा करीब 54 प्रतिशत अंकों के साथ पास की है.
वे समाजवादी पार्टी सरकार में दो बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं. परीक्षा में उन्हें 500 में से 271 अंक हासिल हुए हैं.
प्रभुदयाल मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा सीट से साल 2002 और 2007 में विधायक रहे हैं.
साथ ही 2003 से 2007 तक लघु उद्योग, वस्त्र और रेशम विभाग के प्रभारी मंत्री भी रह चुके हैं.
‘पढ़ने की कोई उम्र नहीं है’
प्रभुदयाल वाल्मीकि ने बीबीसी चैनल से बातचीत में कहा, “देखिए पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती. मेरे क़रीबियों ने मुझसे कहा कि विधायक और मंत्री रहते हुए मेरे पास वक्त नहीं था. ऐसे में मेरी पढ़ाई नहीं हो पाई थी, लेकिन मुझे अब लगा किसी तरह पढ़ाई को मुझे जारी करना चाहिए.”
“साल 2021 में मैंने नामांकन कराया लेकिन कोरोना के कारण इम्तिहान नहीं दे पाया और बोर्ड की तरफ से अगली कक्षा के लिए प्रमोट कर दिया गया.”
सवालों से बचने के लिए क्या किया?
मेरठ, मवाना के रहने वाले पूर्व मंत्री प्रभु दयाल वाल्मीकि ने अपनी ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा का नामांकन ज़िला बाग़पत के अंतर्गत आने वाले आदर्श इंटर कॉलेज दोला में कराया.
उन्होंने इस बारे में कहा, “मैंने मेरठ क्षेत्र में 11वीं और 12वीं की परीक्षा नहीं दी क्योंकि यहां मैं जब इम्तिहान देने जाता तो मुझे पहचानने वाले तमाम लोग मुझसे सवाल करते, उनके सवालों और थोड़ी झिझक से बचने की वजह से मैंने 11वीं और 12वीं की परीक्षा बाग़पत से दी.”
“हालांकि यहां भी मेरे कुछ जानने वाले लोग निकल आए, लेकिन मैंने उनके सवालों को नज़र अंदाज़ किया. मेरे आस-पास बैठने वाले छात्र-छात्राएं भी मुझसे सवाल करते लेकिन मैं मुस्कुरा कर उनकी बात को टाल दिया करता था, लेकिन मैं अब स्नातक कर आगे भी पढ़ाई जारी रखूंगा.”
परिवार में दो बेटे, पत्नी को भी पढ़ाने का मन
प्रभुदयाल वाल्मीकि के परिवार में उनकी पत्नी कमला के अलावा दो बेटे राजन गहलोत और राहुल गहलोत हैं.
राजन गहलोत लगभग 32 साल के हैं और दिल्ली में एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर कै तौर पर कार्यरत हैं जबकि छोटा बेटा राहुल मेरठ के मवाना में एक पैथोलॉजी लैब के संचालक हैं.
प्रभुदयाल वाल्मीकि अब अपनी पत्नी कमला को पढ़ाने की बात कर रहे हैं और जल्द ही उन्हें क्लास छह में दाखिला दिलवाएंगे.
कमला कक्षा पांच तक पढ़ी हैं. प्रभु दयाल बताते हैं कि बीमारी की वजह से वे नहीं पढ़ पाई थीं.