बीजेपी की पहली पसंद बना पसमांदा मुसलमान
Bjp Planing For 2024: देश में 2024 के आम चुनावों को लेकर सियासी बिगुल बजा हुआ है सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सबके अपने-अपने मुद्दे हैं लेकिन यहां जिसको सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है वो हैं पसमांदा मुस्किम जिसपर आज से नही बल्कि कई सालों से बीजेपी की नजर थी कभी पीएम मोदी इनसे मिलकर इनके हित की बात करते हं तो कभी यूपी में इस समुदाए को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बड़ा फैक्टर माना जा रहा है.
दरअसल मुस्लिम आबादी को वोट बैंक मानकर राजनीति करने वाले दलों को भाजपा की ताजा पहल ने आगाह कर दिया है कि अल्पसंख्यक वोटों पर किसी दल विशेष का एकाधिकार स्थायी नहीं हो सकता है. केंद्र सरकार की ओर से पहले से ही पिछड़े मुस्लिमों के उन्नयन के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं तो दूसरी तरफ पसमांदा समुदाय से तारिक मंसूर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा ने आगे की राजनीति का संकेत दे दिया है.
20 करोड़ मुस्लिमों के 85 प्रतिशत वोट पर बीजेपी की नज़र
Bjp Planing For 2024: लोकसभा की 80 सीटों वाले यूपी में भाजपा पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा भी निकाल रही है. जिससे दूसरे दलों की बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है. भाजपा की योजना अगर कारगर हुई तो वोट बैंक का पासा पलट भी सकता है.
देश में जून 2023 तक मुस्लिमों की कुल आबादी 19.75 करोड़ बताई गई है, जो देश की कुल वर्तमान जनसंख्या का लगभग 14.2 प्रतिशत है. रिपोर्ट ये भी है कि इतनी बड़ी आबादी का 85 प्रतिशत भाग पिछड़ा है, जिसे पसमांदा मुस्लिम कहा जाता है. माना जाता है कि अल्पसंख्यकों के नाम पर लागू योजनाओं का लाभ अभी तक सिर्फ अगड़े मुसलमानों के हिस्से में पहुंच रहा था और पसमांदा को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. चुनावी राजनीति में किसी समुदाय की इतनी बड़ी संख्या मायने रखती है.
क्या पसमांदा का रुख तय करेगा 2024 का रास्ता
Bjp Planing For 2024: पीएम मोदी ने इस मर्म को समझा और पसमांदा राजनीति को चर्चा के केंद्र में ला दिया. उन्होंने पिछले साल जुलाई में हैदराबाद में और इस साल जनवरी में दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुस्लिम समुदाय के पढ़े-लिखे एवं पसमांदा लोगों तक केंद्र सरकार की नीतियों एवं कार्यों को पहुंचाने का आग्रह किया. उसके बाद भाजपा के स्तर से विभिन्न प्रदेशों में अमल भी शुरू हो गया.
भाजपा नेतृत्व को केंद्र सरकार की योजनाओं का भी फायदा मिलने की उम्मीद है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पिछड़े मुस्लिमों की नई पीढ़ी को प्रभावित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रखी हैं. नया सवेरा योजना के तहत तकनीकी एवं व्यावसायिक संस्थानों में नामांकन एवं समूह क, ख एवं ग की सेवाओं की तैयारियों के लिए निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था है.
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