मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा,डिग्री नहीं, दक्षता जरूरी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को जबलपुर पहुंचे,
जहां उन्होंने शिक्षा और विकास से जुड़े कई अहम कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।

सीएम ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (शासकीय महाकौशल महाविद्यालय) में आयोजित समारोह में करीब ₹23 करोड़ की लागत से दो बड़े प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा —

“यह संस्थान महाकौशल क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा का केंद्र बनेगा।”

युवाओं से संवाद: “टैलेंट के साथ तकनीकी दक्षता भी जरूरी”

सीएम मोहन यादव ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि

“आज के समय में सिर्फ टैलेंटेड होना काफी नहीं है, बल्कि तकनीकी रूप से दक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस होना जरूरी है।”

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा का लक्ष्य केवल डिग्री हासिल करना नहीं,
बल्कि कौशल, नवाचार और आत्मनिर्भरता होना चाहिए।

“स्कूल और कॉलेज केवल डिग्री देने वाले संस्थान नहीं, बल्कि शिक्षा के मंदिर होने चाहिए।
यहां से ऐसे विद्यार्थी निकलें जो रोजगार सृजन में भी योगदान दें।”

सीएम ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के हजारों युवा अब स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं,
जो राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहे हैं।

लोकतंत्र बचाने की अपील: “युवाओं को राजनीति में आना चाहिए”

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए युवाओं की भागीदारी जरूरी है।
उन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस का उदाहरण देते हुए कहा —

“उन्होंने शिक्षा और राजनीति में सामंजस्य स्थापित कर देश को नई दिशा दी थी।”

सीएम ने छात्रों से आह्वान किया कि वे केवल पढ़ाई तक सीमित न रहें,
बल्कि समाज और देश के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

कार्यक्रम के अंत में सीएम ने महाविद्यालय के मेधावी छात्रों का सम्मान किया और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

जबलपुर में शानदार स्वागत और रोड शो

जबलपुर पहुंचने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का भव्य स्वागत किया गया।
उन्होंने कलेक्टर बंगले से महाकौशल कॉलेज तक करीब 200 मीटर लंबा रोड शो किया।

सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और जगह-जगह से फूल बरसाकर उनका अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम में संभागायुक्त धनंजय सिंह, कलेक्टर राघवेंद्र सिंह, एसपी संपत उपाध्याय,
नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश अहिरवार, जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए।

मंच पर हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कलाकारों की प्रस्तुतियों ने माहौल को और भी उत्सवमय बना दिया।

“दादा की पाठशाला” – कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए नई पहल

इस मौके पर सीएम मोहन यादव ने अपने दादा ईश्वर दास रोहाणी की स्मृति में
“दादा की पाठशाला” नामक शिक्षा पहल की शुरुआत की।

इस पहल के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी निःशुल्क कर सकेंगे।

उन्होंने कहा —

“जिस तरह पारस पत्थर लोहे को सोना बना देता है, वैसे ही मां नर्मदा की कृपा से पत्थर संगमरमर बन जाता है।
उसी तरह शिक्षा भी हर बच्चे को चमकाने की क्षमता रखती है।”

विकास समीक्षा बैठक: अधिकारियों को मिले निर्देश

कार्यक्रम के बाद सीएम ने कलेक्टर कार्यालय में विकास समीक्षा बैठक की।
उन्होंने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को निर्देश दिए कि
जनसुनवाई और जनकल्याणकारी योजनाओं में अधिक संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएं।

सीएम ने कहा —

“हमारा लक्ष्य केवल विकास नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाना है।”

उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे
कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दें, नव उद्यमियों को प्रोत्साहित करें,
और युवाओं को रोजगारपरक कार्यों से जोड़ें।

निष्कर्ष: “तकनीकी रूप से सशक्त युवा ही बनाएंगे उज्जवल मध्य प्रदेश”

जबलपुर का यह दौरा शिक्षा, नवाचार और युवाओं की भागीदारी का प्रतीक बना।
सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट संदेश दिया —

“मध्य प्रदेश का भविष्य तभी उज्जवल होगा जब हर युवा न केवल टैलेंटेड,
बल्कि तकनीकी रूप से सशक्त और जिम्मेदार नागरिक बनेगा।”

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