16 बागी नेताओं पर गाज, नीतीश ने दी सख्त चेतावनी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, जनता दल-यूनाइटेड (JDU) ने अपने बागी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर पिछले दो दिनों में पार्टी ने कई नेताओं को निष्कासित (expel) किया है — इनमें दो विधायक और एक पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।
यह कदम पार्टी अनुशासन बनाए रखने और चुनावी संगठन को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है।

16 नेताओं पर कार्रवाई — दो दिन में चला नीतीश का “एक्शन मोड”

जदयू ने 25 अक्टूबर को एक मौजूदा विधायक, कई पूर्व विधायकों और कुल 11 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया।
इसके अगले दिन, 26 अक्टूबर को पार्टी ने गोपाल मंडल सहित 5 और नेताओं को निष्कासित कर दिया।

गोपाल मंडल, जो इस बार भागलपुर जिले की गोपालपुर सीट से टिकट न मिलने पर नाराज़ थे,
अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।
टिकट कटने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना भी दिया था।

गोपाल मंडल का बागी तेवर और जदयू की सख्त प्रतिक्रिया

गोपाल मंडल चुनाव प्रचार में दावा कर रहे हैं —

“जीतने के बाद भी मैं नीतीश कुमार का ही हाथ मजबूत करूंगा।”

लेकिन उनकी स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में एंट्री से जदयू के लिए स्थिति जटिल हो गई थी।
इसी कारण, पार्टी ने उन्हें निष्कासित करने का फैसला लिया।

निष्कासित प्रमुख नेताओं की सूची

JDU से निष्कासित अन्य प्रमुख नाम हैं —

  • महेश्वर प्रसाद यादव, पूर्व विधायक (गायघाट)
  • प्रभात किरण, महेश्वर यादव के बेटे
  • संजीव श्याम सिंह, पूर्व विधान पार्षद (गया)
  • हिमराज सिंह, पूर्व मंत्री (कटिहार, कदवा)

इन सभी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और बागी रुख अपनाने का आरोप है।

“जंबो जेट” समिति का गठन — चुनावी तैयारी को नई उड़ान

बागियों पर कार्रवाई के साथ-साथ नीतीश कुमार ने चुनावी तैयारी को और मजबूत करने के लिए
एक विशाल “जंबो जेट चुनाव अभियान समिति” का गठन किया है।

इस समिति में कुल 197 सदस्य शामिल हैं।

  • अध्यक्ष: केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर (जननायक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र)
  • संयोजक: प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा
  • सह-संयोजक: रंजू गीता

इस समिति में उन नेताओं को भी जोड़ा गया है जिन्हें टिकट नहीं मिला,
ताकि वे संगठन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहें और पार्टी यूनिटी बनी रहे।

नीतीश कुमार का संदेश — “अनुशासन ही जीत की कुंजी”

इस सख्त कार्रवाई से नीतीश कुमार ने साफ संदेश दिया है कि —

“पार्टी में अनुशासन सर्वोपरि है, संगठन विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

‘जंबो जेट समिति’ का गठन यह दर्शाता है कि
JDU संगठनात्मक मजबूती और जमीनी स्तर पर प्रचार दोनों पर समान रूप से ध्यान दे रही है।

नतीजा — मजबूत अनुशासन, एकजुट संगठन

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में JDU ने स्पष्ट कर दिया है कि
बागी नेताओं के लिए कोई जगह नहीं होगी।
गोपाल मंडल जैसे नेताओं का निष्कासन इस बात का संकेत है कि पार्टी
अनुशासन, निष्ठा और संगठन को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।

‘जंबो जेट समिति’ के गठन से जदयू की चुनावी मशीनरी और प्रचार नेटवर्क को नई ऊर्जा मिली है,
जो पहले चरण के मतदान में पार्टी की संभावनाओं को और बढ़ा सकती है।

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