सीएम धामी ने किया शारदा कॉरिडोर का शुभारंभ

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने विधानसभा क्षेत्र चंपावत के टनकपुर स्थित शारदा घाट में करोड़ों की विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
इस दौरान उन्होंने ₹185.20 करोड़ की लागत वाली शारदा कॉरिडोर परियोजना के प्रथम चरण का औपचारिक शुभारंभ किया।
यह परियोजना प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

करोड़ों की विकास योजनाओं का लोकार्पण

मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर

  • ₹20 करोड़ से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण
  • और लगभग ₹19 करोड़ की नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि चंपावत को वेंडिंग, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाया जाए।

शारदा घाट से शुरू हुआ ‘आस्था और विकास’ का संगम

शारदा घाट पर पूजा-अर्चना के बाद सीएम धामी ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
उन्होंने कहा —

“शारदा कॉरिडोर परियोजना न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी।”

परियोजना के पूरा होने के बाद क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस तरह हरिद्वार में गंगा कॉरिडोर और हरिपुर कालसी में यमुना घाट परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही हैं, उसी तरह शारदा कॉरिडोर भी उत्तराखंड के धार्मिक मानचित्र पर नया अध्याय जोड़ेगा।

कृषि विकास को मिलेगा नया आयाम

सीएम धामी ने घोषणा की कि चंपावत में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध एक नया केंद्र खोला जाएगा।
यह केंद्र कृषि आधारित नवाचारों, आधुनिक खेती तकनीकों और किसानों के प्रशिक्षण का हब बनेगा।

उन्होंने कहा —

“सरकार पहाड़ी जिलों में कृषि संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह केंद्र किसानों को जैविक उत्पादों और बाजार संपर्क के अवसर उपलब्ध कराएगा।”

साथ ही, छीनीगोठ क्षेत्र में बाढ़ सुरक्षा कार्यों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन भी दिया गया।

पर्यटन को मिलेगा नया स्वरूप

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि हर साल 30 लाख से अधिक पर्यटक चंपावत जिले में आते हैं।
यहां धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों की भरमार है। सरकार का लक्ष्य है कि इन स्थलों को जोड़कर धार्मिक और वेडिंग डेस्टिनेशन (Wedding Destination) के रूप में विकसित किया जाए।

उन्होंने कहा कि मां पूर्णागिरी, बयान धूरा, रीठा साहिब और गोल्ज्यू मंदिर जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों को शारदा कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
इससे श्रद्धालुओं की सुविधा बढ़ेगी और युवाओं को होटल, परिवहन, हस्तशिल्प और गाइडिंग सेक्टर में रोजगार मिलेगा।

सीएम ने कहा —

“चंपावत के बूम चुका, श्यामलताल, मायावती आश्रम और पंचेश्वर जैसे स्थल आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम हैं। हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड को ‘Spiritual Wedding Destination’ के रूप में विश्व पहचान दिलाई जाए।”

शारदा कॉरिडोर परियोजना: सीमांत जिले के लिए नई उम्मीद

भारत-नेपाल सीमा पर स्थित टनकपुर में विकसित हो रही यह परियोजना धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में तैयार की जा रही है।
परियोजना में शामिल हैं —

  • घाटों का पुनर्विकास
  • श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक सुविधाएं
  • पार्किंग एरिया और लाइटिंग व्यवस्था
  • जल संरक्षण और हरित विकास संरचनाएं

अधिकारियों का कहना है कि इससे चंपावत की सामाजिक-आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
स्थानीय व्यापार, हस्तशिल्प और पारंपरिक उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जिससे लोगों की आय में वृद्धि होगी।

जनभागीदारी से बदलेगा चंपावत का चेहरा

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विकास केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जनभागीदारी से जनांदोलन बन सकता है।
उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की —

“यह परियोजना सिर्फ सरकार की नहीं, पूरे चंपावत की है। सभी लोग इसमें अपनी सहभागिता से योगदान दें।”

उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में जब शारदा कॉरिडोर पूरी तरह बन जाएगा, तो यह क्षेत्र श्रद्धा, रोजगार और संस्कृति का केंद्र बनकर उभरेगा।

निष्कर्ष

टनकपुर का शारदा कॉरिडोर उत्तराखंड के विकास की नई कहानी लिख रहा है।
एक ओर यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को नई पहचान देगी, वहीं दूसरी ओर यह सीमांत क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार और अवसरों से जोड़ने का माध्यम बनेगी।

मुख्यमंत्री धामी की घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि अब उत्तराखंड का विकास पहाड़ों से सीमांत तक, आस्था और अर्थव्यवस्था — दोनों का संतुलन साधते हुए आगे बढ़ रहा है।

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