राजस्थान: हर साल 4,240 छात्राओं को मिलेगी स्कूटी

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने राज्य की बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
अब देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना के तहत
हर साल 4,240 स्कूटियां पात्र छात्राओं को दी जाएंगी।

सरकार ने इस योजना में तीन गुना बढ़ोतरी करते हुए
राज्य की बेटियों को आत्मनिर्भर और शिक्षित बनाने की दिशा में ऐतिहासिक फैसला लिया है।

बेटियों की शिक्षा को नई ऊंचाई

देवनारायण स्कूटी योजना की शुरुआत वर्ष 2011-12 में हुई थी।
तब हर साल सिर्फ 1,500 स्कूटियां ही वितरित की जाती थीं।
लेकिन अब वर्ष 2025-26 से यह संख्या बढ़ाकर 4,240 कर दी गई है।

यह योजना विशेष पिछड़ा वर्ग (Special Backward Class) की छात्राओं के लिए है,
जिसका उद्देश्य है — बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और
उन्हें स्वावलंबी बनाना।

प्रोत्साहन राशि में भी बढ़ोतरी

जिन छात्राओं के नाम वरीयता सूची (Merit List) में नहीं आते,
उन्हें भी सरकार प्रोत्साहन राशि देगी।

  • स्नातक (Graduation) में 50% या उससे अधिक अंक लाने पर
    ₹10,000 वार्षिक सहायता दी जाएगी।
  • स्नातकोत्तर (Post-Graduation) में
    प्रथम वर्ष पर ₹20,000 और द्वितीय वर्ष में भी 50% या अधिक अंक होने पर
    ₹20,000 अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

यह लाभ केवल उन छात्राओं को मिलेगा,
जिनके माता-पिता की वार्षिक आय ₹2.50 लाख से कम है
और जो राजकीय महाविद्यालयों या राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में पढ़ रही हैं।

अब तक 16,000 से अधिक बेटियों को मिली स्कूटी

राज्य सरकार अब तक इस योजना के तहत
₹74.35 करोड़ खर्च कर 16,021 छात्राओं को स्कूटियां दे चुकी है।

इसके अलावा,
₹9.76 करोड़ की प्रोत्साहन राशि से 19,100 छात्राओं को लाभ पहुंचाया गया है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने
₹56.10 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है,
जिसमें से सितंबर 2025 तक ₹32.92 करोड़ पहले ही खर्च किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा —

“राजस्थान की बेटियां अगर शिक्षित और आत्मनिर्भर बनेंगी,
तो राज्य का भविष्य भी मजबूत होगा।
हमारी सरकार हर बेटी को उसके सपनों की उड़ान देने के लिए प्रतिबद्ध है।”

निष्कर्ष

भजनलाल सरकार की यह पहल
राजस्थान में महिला शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में
एक मील का पत्थर (milestone) साबित हो सकती है।

देवनारायण स्कूटी योजना के विस्तार से
न सिर्फ हजारों बेटियों को नई उम्मीद मिलेगी,
बल्कि राज्य में शिक्षा का स्तर और महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी।

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *