अक्षय कुमार ने उठाया बड़ा कदम

बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार ने अपने पर्सनैलिटी राइट्स (Personality Rights) की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
उन्होंने उन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर उनके नाम, आवाज़ या छवि का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब कई बॉलीवुड सितारे पहले ही अपनी पहचान और व्यक्तित्व की सुरक्षा के लिए अदालत का रुख कर चुके हैं।

अक्षय कुमार का कहना — “AI से मेरी छवि का दुरुपयोग हो रहा है”

अक्षय कुमार ने अदालत में दावा किया है कि कुछ लोग AI तकनीक का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
वे बिना अनुमति के उनकी तस्वीरें, वीडियो और आवाज़ का उपयोग विज्ञापनों और सोशल मीडिया कंटेंट में कर रहे हैं।

अक्षय ने अदालत से आग्रह किया है कि किसी को भी उनके नाम, छवि या व्यक्तित्व से जुड़ी कोई सामग्री बिना अनुमति के उपयोग करने की इजाज़त न दी जाए।

पहले भी कई सितारे पहुंच चुके हैं अदालत

अक्षय से पहले अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, ऋतिक रोशन और करण जौहर जैसे कई कलाकार पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर कर चुके हैं।

हाल ही में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने वरिष्ठ गायिका आशा भोसले के मामले में भी आदेश दिया था कि किसी को भी उनके नाम, तस्वीर या आवाज़ का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं है।
यहां तक कि AI से उनकी आवाज़ की नकल करना भी गैरकानूनी बताया गया।

अदालत का रुख — “व्यक्तित्व का अधिकार व्यक्ति की स्वायत्तता से जुड़ा है”

दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐश्वर्या राय के मामले में कहा था:

“पर्सनैलिटी राइट्स का मतलब है कि व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह अपने नाम, छवि, आवाज़ या पहचान का इस्तेमाल कौन करे और कैसे करे, यह खुद तय करे।”

यह अधिकार केवल पहचान तक सीमित नहीं, बल्कि उससे जुड़े व्यावसायिक लाभों को भी सुरक्षित रखता है।

बॉलीवुड में बढ़ी जागरूकता — “अब सितारे हो रहे हैं डिजिटल रूप से सतर्क”

बॉलीवुड में अब AI और डीपफेक तकनीक के चलते सितारों में सतर्कता बढ़ी है।
अक्षय कुमार का यह कदम दिखाता है कि अब कलाकार अपनी डिजिटल पहचान (Digital Identity) को लेकर गंभीर हो गए हैं।

यह न केवल उनके व्यक्तिगत ब्रांड की सुरक्षा का मामला है, बल्कि आने वाले समय में फिल्म उद्योग के लिए AI उपयोग के नियम तय करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

निष्कर्ष:
अक्षय कुमार का यह फैसला केवल एक कानूनी कदम नहीं, बल्कि डिजिटल युग में व्यक्तित्व की सुरक्षा का संदेश भी है।
AI के बढ़ते दौर में, अब हर सेलिब्रिटी अपने नाम, छवि और आवाज़ के अधिकारों को लेकर सजग हो रहा है।

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