CM विष्णु व ने कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में दिए स्पष्ट निर्देश

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को मंत्रालय में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में प्रशासनिक अमले को साफ संदेश दिया:

“सरकारी योजनाओं का असली मतलब जनता तक उसका सीधा लाभ पहुंचाना है, केवल कागजी रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन केवल योजनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि शासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और नतीजों के मानक तय करने का अवसर है।

“रिपोर्ट नहीं, जमीनी परिणाम चाहिए”

  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचा, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे
  • उन्होंने कहा कि हर जिले में प्रगति रिपोर्ट केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसका असर गांव, खेत और परिवारों तक दिखाई देना चाहिए
  • साय ने जोर देते हुए कहा:

“हमारी सरकार पारदर्शी प्रशासन और जवाबदेही पर आधारित है। जनता का हित सर्वोपरि है।”

धान खरीदी पर सख्त निगरानी

  • राज्य में धान खरीदी 15 नवंबर से शुरू होगी।
  • सभी जिलों में तैयारियां समय से पूरी हों।
  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग लागू होगी और सीमावर्ती इलाकों में अवैध धान की आवाजाही रोकी जाएगी।
  • किसी भी गड़बड़ी की स्थिति में कलेक्टर स्वयं जिम्मेदार होंगे।
  • खरीदी प्रक्रिया को इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा।

विशेष पिछड़ी जनजातियों और किसानों पर फोकस

  • राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों के किसानों का 100% पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा:

“एक भी पात्र किसान योजना से वंचित नहीं रहना चाहिए।”

  • लक्ष्य: योजनाओं का लाभ समय पर हर किसान तक पहुंचे।

ऊर्जा और कल्याण योजनाओं में तेजी

  • प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना का लाभ अधिकतम परिवारों तक पहुंचाया जाएगा।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के हितग्राहियों को बैंक फाइनेंस आसानी से उपलब्ध कराया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा:

“बिजली, पानी और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं सरकार के विकास का आईना हैं।”

स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता

  • राज्य के सभी अस्पतालों में 100% संस्थागत प्रसव सुनिश्चित किया जाएगा।
  • मातृ मृत्यु (मैटरनल डेथ) का ऑडिट अनिवार्य होगा।
  • बस्तर संभाग में मलेरिया उन्मूलन अभियान और तेज किया जाएगा।
  • ग्रामीण और जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

शिक्षा व्यवस्था में सुधार

  • ड्रॉपआउट शून्य और सकल नामांकन अनुपात 100% का लक्ष्य रखा गया।
  • शिक्षण सामग्री केवल अलमारियों में नहीं, बल्कि कक्षाओं में प्रत्यक्ष दिखनी चाहिए
  • बीजापुर जिले के ‘गोंडी भाषा शिक्षण मॉडल’ की सराहना की गई।
  • 31 दिसंबर तक सभी विद्यार्थियों की आधार-बेस्ड APAR ID रजिस्ट्रेशन पूरी करनी होगी।

“मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान”

  • राज्य में जल्द ही शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू किया जाएगा।
  • सभी स्कूलों का ऑडिट और ग्रेडिंग सिस्टम लागू किया जाएगा।
  • जिन जिलों के परीक्षा परिणाम बेहतर हैं, उनके सफल मॉडल अन्य जिलों में लागू होंगे।
  • मुख्यमंत्री ने कहा:

“हमारा लक्ष्य सिर्फ साक्षरता नहीं, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है। जब हर बच्चा सक्षम और आत्मनिर्भर होगा, तभी विकसित छत्तीसगढ़ का सपना साकार होगा।”

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