उत्तराखंड में शिक्षकों को बड़ी सौगात

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से चली आ रही शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में बड़ी खुशखबरी आई है।
राज्यभर में चयनित 1347 सहायक अध्यापकों को अब 14 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज, पटेलनगर में आयोजित विशेष समारोह में स्वयं नियुक्ति पत्र प्रदान करेंगे।
यह अवसर शिक्षा जगत के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है।

लंबे इंतजार के बाद कोर्ट से मिली राहत

इन नियुक्तियों की प्रक्रिया UKSSSC (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) ने फरवरी 2025 में पूरी कर ली थी।
आयोग ने चयन सूची शिक्षा विभाग को भेज दी थी, लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।

इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी, जिससे नियुक्ति लगभग साढ़े सात महीने तक लटकी रही।
अब कोर्ट ने 1347 पदों पर नियुक्ति की अनुमति दे दी है, जबकि 5 पदों पर मामला अभी विचाराधीन है।

कोर्ट की मंजूरी मिलते ही शिक्षा विभाग ने तेजी दिखाई, और अब सरकार ने समारोह आयोजित कर नियुक्ति पत्र सौंपने का निर्णय लिया है।

शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी — पारदर्शी रही पूरी प्रक्रिया

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही है।
चयन मेरिट के आधार पर किया गया है और शिक्षकों को पहले चरण में दूरस्थ और दुर्गम इलाकों में भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा,

“राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर विद्यालय में विषयवार शिक्षक उपलब्ध हों। इसी दिशा में यह एक निर्णायक कदम है।”

मंत्री ने आगे बताया कि आने वाले समय में

  • प्राथमिक शिक्षा विभाग में 2100 सहायक अध्यापक
  • माध्यमिक शिक्षा विभाग में 800 से अधिक प्रवक्ताओं
    की नियुक्ति भी की जाएगी।

गढ़वाल-कुमाऊं में संतुलित नियुक्तियां

गढ़वाल मंडल में 681 और कुमाऊं मंडल में 671 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
इनमें हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामान्य अध्ययन, कला, गृह विज्ञान, वाणिज्य, संगीत, संस्कृत और उर्दू विषय शामिल हैं।

गढ़वाल में जहां विज्ञान और गणित के शिक्षकों की भारी कमी थी, वहीं कुमाऊं में अंग्रेजी और संस्कृत के शिक्षक नहीं थे।
नई नियुक्तियों से दोनों क्षेत्रों में शिक्षा का संतुलन और गुणवत्ता बेहतर होगी।

संघर्ष से सफलता तक — अभ्यर्थियों का लंबा सफर

इन 1347 अभ्यर्थियों का सफर आसान नहीं रहा।
चयन सूची जारी होने के बाद भी नियुक्ति पत्र न मिलने से वे धरने और प्रदर्शन पर उतर आए थे।

कई अभ्यर्थियों ने कहा कि यह उनके धैर्य और संघर्ष की जीत है।
अब वे बच्चों को पढ़ाकर समाज और राज्य के विकास में योगदान देने को तैयार हैं।

शिक्षा व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार

सरकार का यह कदम न केवल अभ्यर्थियों के लिए राहत है, बल्कि शिक्षा तंत्र के लिए भी नई ऊर्जा का संचार करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन नियुक्तियों से शिक्षकों की कमी दूर होगी और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा —

“शिक्षा ही विकास का आधार है। इन नियुक्तियों से हम राज्य के भविष्य को मजबूत बना रहे हैं।”

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *