एल्विश यादव की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात

बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता और लोकप्रिय यूट्यूबर एल्विश यादव हाल ही में वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से मिलने केलि कुंज आश्रम पहुंचे।
इस मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महाराज अपने स्वास्थ्य और जीवन के अनुभवों को बड़ी सहजता से साझा करते नजर आ रहे हैं।

“प्रेमानंद चला जाएगा, लेकिन राधा नाम अमर रहेगा”

बातचीत के दौरान संत प्रेमानंद महाराज ने बड़े ही शांत भाव से कहा –

“अब शरीर कितना भी संभाल लो, जाना तो सबको ही है… मेरी दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं।
लेकिन यह भगवान की कृपा है कि आपसे मिल पा रहा हूं, बात कर पा रहा हूं।”

इन शब्दों ने न केवल एल्विश यादव को भावुक कर दिया, बल्कि वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भी नम हो गईं।
महाराज ने आगे कहा –

“प्रेमानंद तो चला जाएगा, लेकिन ‘राधा नाम’ कभी नहीं जाएगा।
राधा नाम ही सबको जीवन देगा, मंगल करेगा और कामनाओं को पूर्ण करेगा।”

एल्विश यादव ने मांगा भक्ति का मार्गदर्शन

एल्विश यादव ने संत से कहा कि वह भक्ति के मार्ग पर चलना चाहते हैं।
इस पर महाराज ने पूछा –

“क्या तुम भगवान का नाम जपते हो?”

एल्विश मुस्कुराए और बोले – “नहीं, अभी तक नहीं।”

महाराज ने प्रेमपूर्वक उत्तर दिया –

“तुम आज सफल हो, ये तुम्हारे पिछले जन्मों के अच्छे कर्मों का फल है।
लेकिन आज के कर्मों का क्या? भगवान का नाम लोगे तो जीवन में स्थिरता आएगी।”

उन्होंने एल्विश को एक अंगूठी पहनने और रोजाना 10,000 बार ‘राधा’ नाम जपने की सलाह दी।
एल्विश ने वादा किया कि अब से वे नियमपूर्वक ‘राधा नाम’ का स्मरण करेंगे।

“तुम जैसा करोगे, वैसा ही लाखों युवा सीखेंगे”

संत प्रेमानंद महाराज ने एल्विश को समझाते हुए कहा –

“अगर तुम हाथ में शराब लेकर वीडियो बनाओगे, तो लाखों लोग वही सीखेंगे।
लेकिन अगर तुम भक्ति करोगे, तो वही लोग ‘राधा नाम’ जपना शुरू करेंगे।”

यह सलाह एल्विश के दिल को छू गई।
उन्होंने कहा कि अब से वे अपनी छवि और कर्मों पर विशेष ध्यान देंगे ताकि उनके प्रशंसक सही दिशा में प्रेरित हो सकें।

नाम जप का संदेश

संत प्रेमानंद जी ने वहां मौजूद सभी लोगों से भी आग्रह किया –

“आप भी थोड़ा नाम जप किया करो। नाम ही सबसे बड़ा सहारा है।”

इस मुलाकात ने न सिर्फ एल्विश यादव के जीवन में एक आध्यात्मिक मोड़ लाया,
बल्कि लाखों युवाओं के लिए भी यह प्रेरणा बन गई कि
सच्ची सफलता केवल बाहरी नहीं, बल्कि भीतर की शांति और भक्ति में भी होती है।

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