ऋषिकेश में “सरस आजीविका मेला” का शुभारंभ

ऋषिकेश में रविवार को आयोजित “सरस आजीविका मेला” में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ₹2.20 करोड़ की योजनाओं की शुरुआत की।
उन्होंने 12 क्लस्टर लेवल फेडरेशनों (CLF) के लिए ₹1.20 करोड़ की आर्थिक गतिविधियों का लोकार्पण और 10 अन्य CLF के लिए ₹1 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

सीएम ने कहा कि यह मेला ग्रामीण उत्पादों को बाजार से जोड़ने और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का एक प्रभावी माध्यम है।

“Rising Tehri – Physics Wala” पहल से शिक्षा में नई दिशा

कार्यक्रम में सीएम धामी ने “Rising Tehri – Physics Wala Online Coaching Class” की भी शुरुआत की।
उन्होंने कहा कि यह पहल राज्य के युवाओं को शिक्षा में समान अवसर प्रदान करेगी।
अब ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र भी अपने घर से ही JEE और NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने इसे “गांव-गांव में डिजिटल शिक्षा की क्रांति” की दिशा में बड़ा कदम बताया।

स्थानीय परंपरा और उद्यमिता का संगम

सीएम धामी ने कहा कि यह मेला न केवल उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में भी एक पहल है।

उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग और जिला प्रशासन द्वारा ‘ग्रामोत्थान परियोजना’ के तहत किए गए प्रयासों की सराहना की।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम

मुख्यमंत्री ने कहा —

“जब एक महिला सशक्त होती है, तो पूरा समाज मजबूत बनता है।”

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की कई योजनाएँ महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रही हैं, जैसे:

  • लखपति दीदी योजना
  • मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना
  • मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना

सीएम ने बताया कि अब तक 1.65 लाख से अधिक महिलाएं “लखपति दीदी योजना” के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।

‘सशक्त बहना उत्सव’ से मिली नई पहचान

इस योजना के तहत महिलाओं ने लगभग 2000 स्टॉल लगाकर ₹5.5 करोड़ का कारोबार किया।
सीएम धामी ने कहा कि यह दिखाता है कि उत्तराखंड की महिलाएं अब बाजार की मुख्य भागीदार बन रही हैं — यह राज्य की मातृशक्ति के आत्मविश्वास और मेहनत का परिणाम है।

“हाउस ऑफ हिमालयाज” ने बढ़ाया उत्तराखंड का गौरव

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार की ब्रांड पहल “House of Himalayas” उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचा रही है।
अब पहाड़ी महिलाओं के हस्तशिल्प, ऑर्गेनिक उत्पाद और हस्तनिर्मित वस्तुएं विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही हैं।

68 हजार SHG और 5 लाख महिलाएं जुड़ीं आत्मनिर्भरता से

ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत:

  • 68,000 स्वयं सहायता समूह (SHG) गठित किए जा चुके हैं
  • 5 लाख से अधिक महिलाएं सक्रिय रूप से कार्यरत हैं
  • 7,500 ग्राम संगठन और 534 क्लस्टर स्तर संगठन बनाए गए हैं

सीएम ने कहा कि ये समूह अब ग्रामीण विकास की रीढ़ बन चुके हैं।

महिला किसानों के लिए नई पहलें

सरकार ने ‘महिला किसान सशक्तिकरण योजना’ के तहत अब तक 3 लाख से अधिक महिला किसानों को प्रशिक्षित किया है।
राज्य में 2.5 लाख किचन गार्डन और एग्रीन्यूट्री गार्डन स्थापित किए गए हैं।
महिलाएं अब आत्मनिर्भर और पोषण सुरक्षित दोनों बन रही हैं।

ऑर्गेनिक खेती और आधुनिक तकनीक की दिशा में कदम

राज्य सरकार ने:

  • 500 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए हैं
  • 5,000 से अधिक महिला किसानों को ऑर्गेनिक खेती से जोड़ा है

सीएम ने कहा कि उत्तराखंड की मातृशक्ति आज आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही है और “सरस मेला” इसी बदलाव का प्रतीक है।

“स्वदेशी अपनाओ” के संदेश के साथ हुआ समापन

मेले में “स्वदेशी अपनाओ” थीम पर स्टॉल लगाए गए, जिनमें ग्रामीण हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद और स्थानीय कला को प्रदर्शित किया गया।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

अंत में सीएम धामी ने कहा —

“हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड की हर महिला आत्मनिर्भर बने और राज्य की प्रगति में अपनी भूमिका निभाए।”

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