₹12,000 करोड़ की विकास परियोजनाएं शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 जुलाई को बिहार और पश्चिम बंगाल का दौरा किया और दोनों राज्यों में जनसभाएं कर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया। यह दौरा न सिर्फ विकास की दृष्टि से, बल्कि आगामी चुनावों के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।

मोतिहारी, बिहार: विकास का नया संकल्प

मोतिहारी के गांधी मैदान में पीएम मोदी ने एक भव्य रैली को संबोधित किया और ₹7,200 करोड़ की परियोजनाएं जनता को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में शामिल थे:

  • रेलवे लाइनों का दोहरीकरण
  • नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत
  • राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर: सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क

प्रधानमंत्री ने मंच से कहा, “नया बिहार बनाएंगे, फिर एक बार NDA सरकार”, जिससे यह संकेत साफ मिला कि भाजपा-नीत एनडीए गठबंधन चुनावी मोड में है। उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल भी मंच पर मौजूद रहे, जो एनडीए की एकता को दर्शाता है।

सीधे लाभ: गरीबों, महिलाओं और किसानों के लिए राहत

  • पीएम आवास योजना के तहत 40,000 लाभार्थियों को ₹162 करोड़ दिए गए।
  • 61,500 स्वयं सहायता समूहों को ₹400 करोड़ की सामुदायिक फंडिंग मिली।
  • “ऑपरेशन सिंदूर” और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी योजनाओं पर भी जोर दिया गया।

रेलवे और सड़क नेटवर्क को मिली नई रफ्तार

रेलवे क्षेत्र में ₹5,385 करोड़ की परियोजनाएं शुरू की गईं:

  • दरभंगा-नरकटियागंज रेलवे लाइन का दोहरीकरण
  • अन्य रेलखंडों का आधुनिकीकरण
  • साथ ही ₹1,173 करोड़ की सड़क परियोजनाएं भी शुरू की गईं

इनसे बिहार के आर्थिक विकास को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल: औद्योगिक शक्ति को मजबूती

बिहार दौरे के बाद पीएम मोदी दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) पहुँचे। वहाँ ₹5,000 करोड़ की परियोजनाओं की शुरुआत की, जिनमें शामिल हैं:

  • तेल और गैस के क्षेत्र की योजनाएं
  • पावर ग्रिड का विस्तार
  • रेलवे और सड़क नेटवर्क का विकास

इन प्रयासों का मकसद राज्य की औद्योगिक और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाना है।

राजनीतिक संदेश भी साफ

दुर्गापुर की जनसभा में पीएम मोदी ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और कहा कि:

“केंद्र की योजनाएं तभी असरदार होंगी, जब राज्य सरकारें ईमानदारी से काम करें।”

यह बयान पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों और आगामी उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

विकास और चुनावी तैयारी साथ-साथ

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल परियोजनाओं के उद्घाटन का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह पूर्वी भारत में भाजपा की चुनावी जमीन तैयार करने का संकेत भी है।
जनसभाओं की भीड़, योजनाओं की व्यापकता और राजनीतिक भाषणों की धार — यह सब मिलकर दिखाता है कि भाजपा 2024 के बाद भी अपने चुनावी अभियान को ज़मीन पर उतारने में पूरी ताकत झोंक रही है।

(This article is written by Shlok Devgan , Intern at News World India.)

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