जेल से छूटे कई दलालों को ARTO ने दी बाबुओं की कुर्सी !
RTO Corruption: प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए ज़ीरों टॉलरेंस की नीति सरकार चला रही है और अधिकारी इस नीति को अमलीजामा पहनाने की भरपूर कोशिश कर रहे है लेकिन क्या वाकई प्रशासनीक अमला पूरी तरह से भ्रष्टाचार पर रोक लगा पाया है. क्या हो जब अधिकारी ही भ्रष्ट हो जाएं.
जी हां एक तस्वीर आई है यूपी के उन्नाव से जहां परिवहन कार्यालय में एआरटीओ के संरक्षण में पाले गए बाहरी दलाल को एआरटीओ ने अपनी अवैध कमाई के लिए बाबुओ के सरकारी सीट पर अपना चहेता दलाल बैठा दिया. जी हां यह हम नहीं कह रहे बल्कि एआरटीओ के सरकारी दफ्तरों में इस बाहरी दलाल को सरकारी फाइलों में गड़बड़ी करते साफ देख सकते है कि ये दलाल किस तरह दफ्तर में रहकर भ्रष्टाचार की जड़ो को मजबूत कर रहा है. और ये तार अलग-अलग लोगों तक फैले हुए है. ये रिपोर्ट देखिए आपको पूरा मामला समझ आ जाएगा.
एआरटीओ का दलाल!
RTO Corruption: एआरटीओ द्वारा दफ्तर में छोड़े गए इस दलाल का नाम मोहित बताया जा रहा है. हमारे सूत्रों ने बताया मोहित नाम का ये दलाल किसी भी अधिकारी के सामने जाने पर खुद को एआरटीओ का अर्दली बताता था और लोगो पर अर्दली बता रौब दिखाता था जिसके बाद News World India ने एआरटीओ और मोहित नाम के दलाल से भ्रष्टाचार की खेती कराने वालो के चेहरे को भी बेनाकब कर दिया. जिसके बाद हमारे संवाददाता ने एआरटीओ कार्यालय पहुँच साहब का पक्ष जानना चाहा पर यहां तो साहब ने देखिए कैसे कैमरा डाउन करने के लिए कहा
देखिए कैसे कैमरा डाउन करने के लिए कहा.
संवाददाता के साथ बदतमीजी
RTO Corruption: News World India के संवाददाता को देख कर भड़क गए और कहने लगे तत्काल दफ्तर से बाहर निकल जाओ वही हमारे संवाददाता ने फिर साहब से सवाल किया कि मोहित नाम का दलाल खुद को अधिकरियों के बीच लोगो से एआरटीओ का अर्दली बताता है जिसके बाद साहब आग बबूला हो गए और News World India के रिपोर्टर को धमकाने लगे कैमरे पर हाथ मारने लगे जिस पर हमारे संवाददाता ने कहा आप खबर से नाराज हो कर धमकी दे रहे है वही एआरटीओ आदित्य त्रिपाठी धमकाते हुए दफ्तर में बने अपने केविन के अंदर चले गए.
एआरटीओ में भ्रष्टाचार की खेती
RTO Corruption: दरअसल जिले के सहायक सम्भागीय परिवाहन कार्यालय में भ्रष्टाचार की खेती कर रहे एआरटीओ के अवैध वसूली का एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आ गया. विभाग में ही तैनात सरकारी बाबू नाम है जगदीश प्रसाद तिवारी 2 नंबर पटल पर बैठे खुलेआम गाड़ी ट्रान्सफर और गाड़ियों के लोन अदा कराने के नाम पर अवैध रिश्वत लेते हैं और ऐसा करते वो एक स्टिंग में कैद हो गए यही नहीं रिश्वतखोरी के बाद उसी बाबू ने भ्रष्टाचार की खेती करने वाले एआरटीओ के अवैध वसूली का पर्दाफाश कर दिया. बाबू ने एक स्टिंग में बताया कि 2000 हजार साहब लेंगे 500 मेरा और 500 एचपीए कैंसिल का तुम 500 कम दे देना 3000 होते है तुम 2500 दे देना.
तो बेबाकी से सरकारी बाबू जगदीश प्रसाद तिवारी ने एआरटीओ के अवैध कमाई का भंडाफोड़ कर दिया. लिहाज रिश्वतखोरी और एआरटीओ के बंदरबांट का वीडियो वायरल होते ही मामला परिवहन मंत्री तक पहुंच गया जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया. दफ्तर में लगे सीसीटीवी फुटेज से हो सकते है कई बड़े खुलासे.
इस पूरे मामले को NEWS WORLD INDIA ने अपने खास प्रोग्राम मेरा गांव मेरा देश में भी दिखाया था जिस पर हमने जिलाधिकारी से भी बात करने की कोशिश की थी. हालांकि उस समय वो बात नहीं कर पाई लेकिन उन्होंने बाद में फोन कर हमे आशवासन दिया था की इस पूरे मामले में कार्रवाई होगी.
2017 में तत्कालीन ARTO ने 23 दलालो पर दर्ज कराई थी F.I.R
RTO Corruption: अब आप को बता दे कि 2017 में तत्कालीन ARTO अनिल त्रिपाठी के शिकायत पर जिला प्रशाशन ने ARTO के चारों ओर घेरा बंदी कर बड़ी कार्यवही की थी. एसडीएम और पुलिस की संयुक्त टीम ने छापा मार कई दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जिसमे कई फरार हो गए थे पुलिस ने 23 नामजमद पर गंभीर धराओ में मुकदमा दर्ज किया था जो कि 2017 के मुकदमे में जेल जा चुके. उन्ही कई दलालो को एआरटीओ ने दफ्तर की सरकारी कुर्सियों पर बाहरी दलालो को बाबुओ की कुर्सी पर बैठाकर भ्रष्टाचार की दुकान चलाने लगे है. अब देखना ये हैं की आखिर इस पूरे मामले पर कितनी बड़ी कार्रवाई होती है