दिल्ली दौरे पर सीएम योगी आदित्यनाथ

दीपावली के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके दोनों डिप्टी सीएम — केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक के बीच मतभेद की खबरों के बीच अब योगी का दो दिवसीय दिल्ली दौरा सभी का ध्यान खींच रहा है।
दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई शीर्ष नेताओं से मुलाकात की।
इन मुलाकातों को आगामी राजनीतिक फेरबदल और संगठनात्मक बदलावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
दिल्ली में ताबड़तोड़ मीटिंग्स
शनिवार को योगी आदित्यनाथ दो दिन के दौरे पर दिल्ली पहुंचे।
रविवार तक उन्होंने भाजपा के लगभग सभी शीर्ष नेताओं से मुलाकात की —
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- गृह मंत्री अमित शाह
- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
पीएम मोदी और नड्डा से उनकी मीटिंग करीब एक घंटे चली।
योगी ने सोशल मीडिया पर लिखा —
“आदरणीय प्रधानमंत्री जी से शिष्टाचार भेंट कर मार्गदर्शन प्राप्त किया। आपका सान्निध्य हमें कर्मपथ पर अडिग रहने की ऊर्जा देता है।”
अमित शाह से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा —
“गृह मंत्री अमित शाह जी से शिष्टाचार भेंट की और उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया। उनका आभार।”
हालांकि उन्होंने इन मुलाकातों को शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसे संभावित फेरबदल के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
दीपावली पर दिखी दूरी
दीपावली के अवसर पर अयोध्या में हुए दीपोत्सव कार्यक्रम में सीएम योगी अकेले नजर आए।
उनके दोनों डिप्टी सीएम — केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक — कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
यहां तक कि दीपोत्सव के विज्ञापन में भी दोनों के नाम शामिल नहीं थे।
विपक्ष ने इस पर तंज कसा।
अखिलेश यादव ने लिखा —
“क्या यूपी सरकार में डिप्टी सीएम के पद खत्म कर दिए गए हैं? प्रभुत्ववादी सोच तो हावी नहीं हो गई? अबकी बार, डिप्टी सीएम बाहर!”
इस घटना के बाद से ही यूपी की राजनीति में अटकलों का दौर तेज हो गया।
संभावित फेरबदल की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, नवंबर के अंत में बिहार चुनाव समाप्त होने के बाद यूपी में सरकार और संगठन स्तर पर बड़े बदलाव हो सकते हैं।
योगी का यह दिल्ली दौरा इन्हीं तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है।
भाजपा नेतृत्व की कोशिश है कि 2027 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का संगठन और सरकार दोनों पूरी तरह सशक्त और एकजुट दिखें।
जेवर एयरपोर्ट और अयोध्या पर भी चर्चा
दिल्ली आने से पहले योगी ने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।
ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने पीएम मोदी से इसके उद्घाटन की तारीख तय करने पर चर्चा की।
इसके अलावा, उन्होंने अगले महीने अयोध्या में होने वाले ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों पर भी बात की —
यह कार्यक्रम राम मंदिर परिसर में आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के शामिल होने की संभावना है।
योगी ने पीएम मोदी को भगवान राम पर लिखी एक पुस्तक भी भेंट की।
राजनीतिक मायने और संकेत
योगी की ये मुलाकातें ऐसे समय पर हुई हैं जब डिप्टी सीएम के बीच मतभेद की खबरें सामने आ रही थीं।
इन चर्चाओं के बीच योगी का शीर्ष नेतृत्व से सीधा संवाद इस बात का संकेत है कि पार्टी भीतर की एकजुटता बनाए रखना चाहती है।
अमित शाह और योगी की साथ में आई मुस्कराती तस्वीरों ने कई अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है।
निष्कर्ष: आने वाले महीनों के लिए बड़ा संकेत
योगी आदित्यनाथ का यह दिल्ली दौरा सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात नहीं,
बल्कि भाजपा के आगामी राजनीतिक समीकरणों और रणनीति का संकेत माना जा रहा है।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह दौरा भाजपा के “Mission UP 2027” का हिस्सा है —
जहां पार्टी अपने संगठन, नेतृत्व और छवि — तीनों को पहले से ज्यादा एकजुट और मज़बूत बनाना चाहती है।

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