इस गांव में न सड़क, न नाली फिर है मॉडल गांव

आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी गावों की दुर्दशा जस की तस बनी हुई है भारत सरकार और यूपी सरकार ने तमाम योजनाएं लागू की जिनकी वाह वाही भी भाजपा ने खूब लूटी  लेकिन जब बात जमीनी हकीकत की आती है तो तस्वीरें बाघा गांव की तरह ही नजर आती हैं। जिसे माडल गांव तो घोषित कर दिया गया है लेकिन सड़क, नाली, आवास, शौचालय और राशनकार्ड जैसी समस्याएं ग्रामीणों के लिए आज भी मुसीबत का सबब बनी हुई हैं। तस्वीरें बयां कर रहीं हैं की यहां इंसान नहीं जानवरों का बसेरा हो। ये वही गांव हैं जहां से हम, आप, हुक्मरान और नेता निकल कर शहरों में तब्दील हो गए। अन्न दाता भी इन्हीं गावों में बसते हैं जिनकी वजह से सबका पेट भरता है। सत्ताधारी नेता वोट बांधने के लिए जाते तो हैं लेकिन फोटो खिंचाकर अपने धाम को वापस हो जाते हैं ।

नेता और हुक्मरान हुए मालामाल, जनता आज भी बदहाल !

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बाघा गांव की है जो अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। जिसे माडल गांव घोषित किया गया है यहां कीचड़ और दलदल में तब्दील सड़क से निकलने को ग्रामीण मजबूर हैं। गंदगी का अंबार लगा हुआ है। मानो यहां इंसान नहीं जानवरों का बसेरा हो वहीं चंद कदमों की दूरी में प्रधान का आलीशान मकान बना हुआ है जहां सड़क चमचमा रहीं हैं। शर्मनाक बात तो यह है की सत्ताधारी नेता वर्तमान में मेरी माटी मेरा देश नाम का अभियान चला रहें है और गांव गांव जा कर बोर्ड लगाकर अगामी चुनाव में भाजपा को वोट देने की अपील कर रहे हैं लेकिन जब गांव की जनता अपनी समस्याएं बताती है है और चलकर देखने को कहती है तो वह मुंह मोड़कर फोटो खिचाते हैं और अपने धाम को निकल लेते हैं । सरकार ने भ्रष्टाचार रोकने के लिए सब सारे कार्य डिजिटल कर दिए लेकिन कमीशन खोरी के खेल में सरकार का ये पैतरा भी फेल होता नजर आ रहा है और भ्रष्टाचार फलता फूलता साफ तौर पर देखा जा रहा है। इस गांव में ऐसी विधवा महिलाएं भी हैं जिन्हें न ही आवास मिला न ही राशन कार्ड बना है करबी और बेबसी की दहलीज में दम तोड़ती नजर आईं। ग्रामीणों ने बताया की सालों से वह बदहाली का तंज झेल रहे हैं नेता वोट मांगने के दौरान तो वादा करते पर फिर नजर नहीं आते और अगर नजर भी आए तो कुछ भी सुनने को तयार नहीं होते उन्होंने बताया की क्षेत्रीय विधायक ओम मणि वर्मा दो बार आई जिन्हे समस्या बताई समस्या दिखाने का प्रयास किया लेकिन वह बिना देखे ही निकल गईं वहीं जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत पत्र भी दिया लेकिन आज तक कोई झांकने नहीं आया  ।

डीएम से शिकायत के बाद भी नहीं ली किसी ने सुध

वहीं इस मामले में जब हमने जिला ग्राम विकास अधिकारी से बात की तो उन्हें सात दिन के अंदर जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही और जल्द ही विकास कराने की बात कही वहीं जिन गरीब और बेसहारा ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है उन्हे चिन्हित कर संबंधित जिम्मेदारों को सूचित कर लाभ दिलाने की भी बात कही है अब सवाल यह उठता है की उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड को स्वर्ग बनाने की बात कहते हैं तो क्या जैसे इस बदहाल गांव बाघा को मॉडल गांव घोषित कर दिया गया है वैसे ही बुंदेलखंड को स्वर्ग घोषित कर दिया जाएगा तस्वीरे जस की तस ही रहेंगी या हुक्मरान अब सीएम के आदेशों को गंभीरता से लेंगे ये अब देखने वाली बात होगी।

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