सावन में KFC बंद करवाया – क्या यही भक्ति है?

गाज़ियाबाद में KFC बंद कराने की घटना पर एक सवाल

सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। शिव भक्त इस दौरान व्रत रखते हैं, संयम का पालन करते हैं और मांसाहार से दूर रहते हैं। यह श्रद्धा का महीना है — लेकिन क्या श्रद्धा के नाम पर दूसरों की आज़ादी और रोज़ी-रोटी पर हमला करना सही है?

गाज़ियाबाद से सामने आई एक घटना ने इसी सवाल को खड़ा कर दिया है। सावन के महीने में एक राइट-विंग ग्रुप ने एक KFC रेस्टोरेंट को जबरन बंद करवा दिया, क्योंकि वहां मांस बेचा जा रहा था।

क्या कहती है पुलिस?

पुलिस ने साफ़ तौर पर बताया कि:

  • जिस KFC को बंद कराया गया, वह कांवड़ यात्रा के किसी भी रूट पर नहीं था।
  • सरकार ने उस इलाके में मांस बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।

यानी कानूनी रूप से रेस्टोरेंट चलाना पूरी तरह वैध था। इसके बावजूद, धार्मिक भावनाओं के नाम पर वहां काम कर रहे लोगों की रोज़गार छीन ली गई

क्या यही भक्ति है?

कई लोग खुद को भगवान शिव का भक्त बताते हैं।
लेकिन सवाल उठता है — अगर आप सच में शिव भक्त हैं, तो क्या किसी मेहनतकश इंसान की आजीविका छीनना आपके धर्म की सीख है?

सावन में आप मांस न खाएं — यह आपकी आस्था है।
लेकिन दूसरों पर अपनी आस्था थोपना
ये श्रद्धा नहीं, तानाशाही है।

असहिष्णुता बनाम आस्था

KFC एक निजी रेस्टोरेंट है। यदि वहां मांस बेचा जा रहा है और यह कानून के दायरे में है, तो कोई समूह किस हक से उन्हें मजबूर कर सकता है कि वे शाकाहारी खाना ही परोसें?

क्या यह सहिष्णुता है?
नहीं — यह धार्मिक असहिष्णुता और मूल अधिकारों का हनन है।

सनातन धर्म क्या सिखाता है?

सनातन धर्म हमें सिखाता है:

  • करुणा रखो
  • सहिष्णु बनो
  • अहिंसा अपनाओ

अगर आपकी आस्था हिंसा, डर और ज़बरदस्ती में बदल जाए,
तो यह आस्था नहीं, अहंकार है।

नफ़रत के नाम पर धर्म?

आजकल धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाना, दुकानों को बंद करवाना, लोगों को धमकाना — एक चलन बनता जा रहा है।
लेकिन हमें सोचना होगा — क्या भगवान वाकई ऐसे कामों से खुश होते हैं?

भक्ति का अर्थ है — संयम रखना, अपने आचरण को सुधारना, दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना।
भक्ति का अर्थ कभी भी किसी की आज़ादी छीनना नहीं हो सकता।

निष्कर्ष:

सावन पवित्र है, लेकिन हमारी सोच उससे भी ज़्यादा पवित्र होनी चाहिए।
अपनी आस्था खुद पर लागू करें — लेकिन दूसरों की आस्था और अधिकारों का भी सम्मान करें।
यही सच्चा धर्म है। यही असली भक्ति है।

(This article is written by Rhea Kaushik , Intern at News World India.)

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *