श्रीनगर में सहकारिता मेले का सातवां दिन

उत्तराखंड के श्रीनगर स्थित आवास विकास मैदान में चल रहे 9 दिवसीय सहकारिता मेले के सातवें दिन का माहौल उत्साह और उम्मीद से भरा रहा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में मेले का अवलोकन किया और विभिन्न विभागों, स्वयं सहायता समूहों और संस्थाओं के स्टॉलों का निरीक्षण किया।

सीएम धामी ने स्थानीय उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार “वोकल फॉर लोकल” के सिद्धांत पर काम कर रही है और स्थानीय काश्तकारों की आमदनी बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

“सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा” — मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता समाज के हर वर्ग को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने का सबसे प्रभावी माध्यम है।
उन्होंने कहा —

“सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है, जिसकी झलक ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना में दिखाई देती है।”

सीएम धामी ने उम्मीद जताई कि यह मेला महिला उद्यमिता को नई दिशा देगा और राज्य के आर्थिक विकास में सहकारिता की भूमिका को और सशक्त बनाएगा।

671 सहकारी समितियों का हुआ कंप्यूटरीकरण

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सहकारिता से समृद्धि के लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया है।

राज्य में अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण किया जा चुका है।
प्रदेश की 13 जिलों की 5,511 समितियों में से 3,838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

किसानों के लिए राहत: मंडुवा खरीद दर में बढ़ोतरी

धामी ने कहा कि राज्य सरकार मिलेट्स उत्पादन को बढ़ावा दे रही है।
अब किसानों से मंडुवा की खरीद दर 48.86 रुपये प्रति किलो की गई है।
साथ ही किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।

16 हजार करोड़ की पूंजी — जनता के भरोसे का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये की पूंजी जमा है।
यह जनता के भरोसे और सहकारिता व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है।

श्रीनगर में 15 घंटे तक जलापूर्ति सुनिश्चित होगी

सीएम धामी ने घोषणा की कि श्रीनगर नगर में पेयजल और सीवर लाइन परियोजना की DPR स्वीकृत होते ही कार्य शुरू किया जाएगा।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद नगर में 15 घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

31 लाख लोग जुड़े सहकारिता से — लक्ष्य 50 लाख का

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में राज्य के 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, और लक्ष्य 50 लाख लोगों को जोड़ने का है।
उन्होंने कहा कि 16 लाख किसानों को अब तक जीरो ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया गया है।

एक करोड़ का व्यापार, महिलाओं की बड़ी भागीदारी

श्रीनगर मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने 35 लाख रुपये से अधिक का व्यापार किया, जबकि कुल व्यापार एक करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
मंत्री रावत ने बताया कि सहकारी संस्थाएं इस समय 30 करोड़ रुपये के मुनाफे में हैं और राज्य की 1.80 लाख महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं।
सरकार का लक्ष्य इस संख्या को चार लाख तक बढ़ाने का है।

26,500 युवाओं को मिला रोजगार

कार्यक्रम में बताया गया कि राज्य में अब तक 26,500 से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है।
मंगलवार को 1,500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।

स्वयं सहायता समूहों और सहकारी संस्थाओं को सम्मान

मुख्यमंत्री धामी और मंत्री धन सिंह रावत ने कई स्वयं सहायता समूहों को 5-5 लाख रुपये के चेक प्रदान किए।
सम्मानित समूहों में शामिल हैं:

  • शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ (बागवानी)
  • उड़ान समूह पाबौ (मुर्गी पालन)
  • सवेरा समूह पलिगांव (दोना-पत्तल निर्माण)
  • महादेव समूह पैठाणी (मुर्गी पालन)
  • मालन समूह जयहरीखाल (बदरी गाय पालन)

इसके अलावा, गुच्छी उत्पादन तकनीक में उत्कृष्ट कार्य के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया।
वहीं, वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा और जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को 4-4 लाख रुपये के चेक कृषि यंत्रों हेतु दिए गए।

मुख्य बातें एक नजर में:

  • 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा
  • श्रीनगर में 15 घंटे तक जलापूर्ति की घोषणा
  • 16 हजार करोड़ की सहकारी पूंजी
  • 31 लाख लोग जुड़े सहकारिता से, लक्ष्य 50 लाख
  • महिलाओं का व्यापार ₹1 करोड़ के पार
Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *