मौसम की करवट कई राज्यों में बारिश, ठंड ने दी दस्तक

अक्टूबर के अंत में देश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक रुख बदल लिया है।
दक्षिण भारत से लेकर उत्तर-पश्चिम भारत तक कई जगहों पर बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं का दौर शुरू हो गया है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले दो से तीन दिनों तक देशभर के कई इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है।
वहीं, कुछ राज्यों में तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रही है।

दक्षिण भारत में झमाझम बारिश का दौर शुरू

IMD के अनुसार, दक्षिण भारत के कई हिस्सों में मौसम सक्रिय बना रहेगा।
तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, माहे और तटीय कर्नाटक में अगले तीन दिनों तक सामान्य से लेकर भारी वर्षा के आसार हैं।

विशेष रूप से केरल और कर्नाटक के तटीय जिलों में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है, और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना लो प्रेशर एरिया (Low Pressure Area) इस बारिश की मुख्य वजह है,
जो दक्षिण भारत के कई राज्यों में नमी और वर्षा बढ़ा रहा है।

पूर्वी और मध्य भारत में बादलों का डेरा

पूर्वी और मध्य भारत — जैसे बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और मध्य प्रदेश — में
अगले 48 घंटों तक गरज-चमक और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह बारिश फसलों के लिए मिश्रित प्रभाव छोड़ सकती है।
जहां देर से बोई गई फसलों को नमी का फायदा मिलेगा, वहीं अधिक वर्षा से कटाई की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।

गुजरात और महाराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट

पश्चिम भारत के लिए भी IMD ने चेतावनी जारी की है।
गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण कोंकण, गोवा, सौराष्ट्र और कच्छ में अगले दो दिनों तक बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

मुंबई और आसपास के जिलों में लोकल ट्रेन और सड़क यातायात पर असर पड़ सकता है।
गुजरात तटीय इलाकों में प्रशासन ने राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं,
जबकि कुछ इलाकों में NDRF टीमें स्टैंडबाय पर रखी गई हैं।

पूर्वोत्तर भारत में भी बरसेंगे बादल

अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में
30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।

यहां मानसूनी गतिविधियां सामान्य से थोड़ी अधिक सक्रिय हैं,
जिससे चाय उत्पादन और फसलों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।
हालांकि, कुछ निचले इलाकों में भूस्खलन और जलभराव की स्थिति भी बन सकती है।

उत्तर-पश्चिम भारत में हल्की ठंड और बौछारें

उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी मौसम ने करवट ली है।
पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी यूपी के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है।

मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों तक ठंडी हवाओं और बादलों के कारण
न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी जा सकती है।

दिल्ली-एनसीआर में भी मंगलवार से हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा चलने की संभावना है,
जिससे प्रदूषण स्तर में थोड़ी गिरावट आ सकती है।

IMD की चेतावनी और सलाह

मौसम विभाग ने सभी राज्यों के प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी है।
किसानों को कहा गया है कि वे फसलों को ढककर रखें और खेतों में अनावश्यक रूप से न रुकें।
मछुआरों, यात्रियों और पर्यटकों को खराब मौसम के दौरान सावधानी बरतने की हिदायत दी गई है।

निष्कर्ष: बारिश के साथ ठंड ने दी दस्तक

भारत के कई हिस्सों में बदलते मौसम ने बरसात और ठंड के मिलेजुले मौसम का संकेत दिया है।
दक्षिण भारत से लेकर उत्तर तक यह बारिश जहां फसलों के लिए राहत ला रही है,
वहीं पहाड़ी और तटीय इलाकों में जनजीवन के लिए चुनौती बन सकती है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,

“आने वाले हफ्ते में ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ना तय है।”

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