भोपाल MSME सम्मेलन: CM यादव ने किए बड़े ऐलान

भोपाल में आयोजित एमएसएमई सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सम्मेलन में लम्बे समय से लंबित सब्सिडी और औद्योगिक विस्तार के मुद्दों पर चर्चा हुई।

लंबित सब्सिडी का निपटान

  • मुख्यमंत्री ने बताया कि 2019 तक की लंबित सब्सिडी का भुगतान पूरा हो चुका है।
  • अब 2017 की लंबित राशि भी जल्द ही निपटाई जाएगी।
  • इस अवसर पर 700 से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 200 करोड़ रुपये के अनुदान दिए गए।
  • 80 से अधिक स्टार्टअप्स को 1 करोड़ रुपये की राशि “सिंगल क्लिक” के माध्यम से ट्रांसफर की गई।

डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार एमएसएमई क्षेत्र को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि यह प्रदेश की आर्थिक प्रगति का आधार बन सके।

गोविंदपुरा इंडस्ट्री का विस्तार

  • उद्योगपति केएस नंदा ने बताया कि गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में विस्तार के लिए जगह की कमी एक चुनौती है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा, “गोविंदपुरा के पास नया औद्योगिक क्षेत्र लाने की योजना है। इसके लिए जल्द जानकारी दी जाएगी।”

देश सोने का बाज बनेगा

डॉ. मोहन यादव ने उपस्थित उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा:

“जैसे किसान देश के लिए अन्न पैदा करता है और सैनिक देश की रक्षा करते हैं, वैसे ही उद्योगपति बुद्धि, युक्ति और पूंजी से देश की प्रगति में योगदान देते हैं। अब देश सोने की चिड़िया नहीं, बल्कि सोने का बाज बनेगा।”

उन्होंने स्वदेशी और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए प्रदेश और देश के विकास की दिशा पर प्रकाश डाला।

रेल और फोर लेन परियोजनाओं में तेजी

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब मध्य प्रदेश में 1.5 लाख करोड़ रुपये की रेल योजनाएं चल रही हैं और फोर लेन का ट्रैक बनना भी आसान हो गया है।

एमएसएमई क्षेत्र की प्रगति

  • राज्य में 1000 से अधिक भूखंड का आवंटन किया गया।
  • 63 स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता मिली।
  • 700 इकाइयों को 197 करोड़ रुपये, 237 इकाइयों को भूखंड आवंटन पत्र, और 5084 युवाओं को 347 करोड़ रुपये का लोन दिया गया।
  • एमएसएमई का देश की GDP में योगदान लगभग 30 प्रतिशत है।
  • प्रदेश के कई उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के रूप में उभर रहे हैं।

हर ब्लॉक में औद्योगिक संभावनाओं की पहचान

एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को शुरुआती दो साल में मदद करती है, ताकि उद्योग का संचालन सुचारू हो सके।

  • अगस्त 2025 तक सभी लंबित सब्सिडी वितरण किए जा चुके हैं।
  • प्रदेश के हर ब्लॉक में औद्योगिक संभावनाओं की पहचान की जाएगी।
  • सरकार संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है ताकि उद्यमियों को हर जिले और गांव में काम करने में सुविधा मिले।

निष्कर्ष

भोपाल एमएसएमई सम्मेलन ने राज्य के उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स के लिए नई उम्मीद जगाई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संदेश स्पष्ट है:

“स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के बल पर प्रदेश और देश को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है।”

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