ट्रंप ने भारत और पीएम मोदी की तारीफ की

मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अप्रत्यक्ष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत एक महान देश है और उन्हें विश्वास है कि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध बेहतर होंगे।

शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में ट्रंप का संबोधन

गाजा में लगभग दो साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद, मिस्र के शर्म अल-शेख में विश्व नेताओं का शांति शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ।
इस दौरान ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा —

“भारत एक महान देश है, जिसका नेतृत्व मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त कर रहा है। उन्होंने शानदार काम किया है।”

उनकी इस टिप्पणी के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ट्रंप के ठीक पीछे खड़े थे। पीएम मोदी की तारीफ करते हुए ट्रंप ने शाहबाज की ओर देखा, जिस पर उन्होंने मुस्कुराते हुए प्रतिक्रिया दी।

“भारत और पाकिस्तान अच्छे से साथ रहेंगे” — ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि भारत और पाकिस्तान बहुत अच्छे से साथ रहेंगे।
उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की भी तारीफ की और शाहबाज को मंच पर संबोधन के लिए आमंत्रित किया।

शाहबाज शरीफ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों के कारण पश्चिम एशिया में शांति की दिशा में ठोस कदम उठे हैं।

ट्रंप ने कहा — “पश्चिम एशिया में शांति मेरे प्रयासों का परिणाम”

ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान विवाद सहित सात अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि अब इज़राइल-गाजा संघर्ष के समाधान को जोड़कर यह संख्या आठ हो गई है।

भारत-पाकिस्तान विवाद पर ट्रंप का दावा

10 मई को डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान ने अमेरिका की मध्यस्थता में पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है।

हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया था।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम का निर्णय दोनों देशों के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच सीधी बातचीत के बाद हुआ था, न कि किसी तीसरे देश की मध्यस्थता से।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान संबंधों और अमेरिका की भूमिका पर चर्चा को गर्मा दिया है।
हालांकि भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि उसके पड़ोसी देशों के साथ विवादों का समाधान केवल द्विपक्षीय बातचीत से होगा, फिर भी ट्रंप का यह बयान कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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