ट्रंप की टैरिफ चाल: दुनिया पर 50% की मार, भारत 20% से नीचे डील के करीब – क्या बदला?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक समझौते को लेकर अहम प्रगति हुई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को उन देशों की सूची से बाहर रखा जा सकता है जिन्हें अमेरिका औपचारिक रूप से टैरिफ (शुल्क) बढ़ाने की नोटिस भेज रहा है। इस सूची में वियतनाम, लाओस और म्यांमार जैसे पड़ोसी देश शामिल हैं, जिन्हें 20 से 50 प्रतिशत तक की दरों पर शुल्क लागू किया जा रहा है। वहीं, भारत को 20 प्रतिशत से कम टैरिफ पर डील मिलने की उम्मीद है, जिससे उसे अपने क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों पर रणनीतिक बढ़त मिल सकती है।

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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के साथ प्रस्तावित टैरिफ डील की दरें 26 प्रतिशत से भी कम हो सकती हैं, जो इस साल के अंत में होने वाले व्यापक व्यापार समझौते के लिए आधार बन सकती हैं। अगर यह डील फाइनल हो जाती है, तो भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास ट्रंप प्रशासन की सख्त टैरिफ नीति के बीच एक औपचारिक व्यापार समझौता होगा। इनमें फिलहाल केवल यूनाइटेड किंगडम (UK) का नाम शामिल है।

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने म्यांमार और ब्राज़ील जैसे देशों पर 50 प्रतिशत तक का शुल्क लगाया है, जबकि वियतनाम और फिलीपींस जैसे देशों पर 20 प्रतिशत टैरिफ लागू किए गए हैं। इसके विपरीत, भारत के साथ एक समग्र लेकिन रियायती समझौते की दिशा में बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। इस हफ्ते एनबीसी न्यूज़ से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “जो देश समझौता नहीं करते, उन पर हम 15 से 20 प्रतिशत तक की एक समान दरों पर शुल्क लगाने की सोच रहे हैं।” उन्होंने भारत को लेकर अच्छे नतीजों का संकेत भी दिया। ट्विटर पर उन्होंने लिखा, “हम भारत के साथ डील के पहले से कहीं ज्यादा करीब हैं।”

(This article is written by Shlok Devgan, Intern at News World India. )

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