झारखंड के घाटशिला उपचुनाव में भाजपा की तैयारी

झारखंड के घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटी हुई है। केंद्रीय नेतृत्व ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है, जिसमें केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं। वे पिछले विधानसभा चुनाव के प्रभारी थे।

हालांकि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का नाम इस बार सूची से हटा दिया गया है। वे पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में सह-प्रभारी थे।

स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नाम

भाजपा की स्टार प्रचारकों की सूची में केंद्रीय और राज्य स्तरीय कई नेता शामिल हैं:

  • केंद्रीय मंत्री: शिवराज सिंह चौहान, जुएल उरांव, अन्नपूर्णा देवी
  • रक्षा राज्य मंत्री: संजय सेठ
  • ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
  • झारखंड से:
    • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी
    • कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद आदित्य साहू
    • पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, रघुवर दास, चंपई सोरेन, मधु कोड़ा

इस बार राज्य स्तरीय नेताओं को भी स्टार प्रचारकों में शामिल किया गया है ताकि चुनावी प्रचार को मजबूत किया जा सके।

घाटशिला की चुनावी पृष्ठभूमि

घाटशिला सीट पर भाजपा केवल एक बार (2014 में) जीत हासिल कर पाई थी। उस समय लक्ष्मण टुडू ने भाजपा को जीत दिलाई थी। इसके अलावा, इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस भी जीत चुके हैं।

रामदास सोरेन, जो झामुमो के लिए लगातार 2019 और 2024 में जीत चुके थे, 15 अगस्त को दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गए। उनके निधन के बाद झामुमो परिवार के किसी सदस्य—सोनम सोरेन या सूरजमणि सोरेन—को उम्मीदवार बना सकता है ताकि सहानुभूति वोट हासिल किया जा सके।

अधिकारिक घोषणा 15 अक्टूबर को रांची में झामुमो की केंद्रीय समिति की बैठक के बाद की जाएगी।

भाजपा की रणनीति

भाजपा भी घाटशिला उपचुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे, बाबूलाल सोरेन, को उम्मीदवार बनाने पर विचार कर सकती है।

इस चुनाव में महिला मतदाता निर्णायक भूमिका निभाएंगी। 2024 के विधानसभा चुनाव की तरह, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना (₹2,500) का प्रभाव जारी रहेगा, या महिलाओं का हेमंत सोरेन सरकार से मोहभंग हो गया है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि घाटशिला विधायक के निधन के बाद, परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाने से झामुमो को भावनात्मक लाभ मिल सकता है।

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