गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या

पिता ने रची थी साजिश, पुलिस का दावा

गुरुग्राम में टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या: पिता ने रची थी साजिश, पुलिस का दावा गुरुग्राम की 25 वर्षीय राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या उसके पिता दीपक यादव ने की, यह पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है। गुरुवार सुबह 10:30 बजे के करीब, सुषांत लोक-2 के ब्लॉक-G स्थित तीन मंज़िला घर में राधिका को उसके पिता ने कथित तौर पर पीठ में चार गोलियां मार दीं, जब वह किचन में नाश्ता बना रही थी। गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया, “पूछताछ में दीपक यादव ने स्वीकार किया है कि यह हत्या पूर्व नियोजित थी। आमतौर पर वह सुबह दूध लेने खुद जाते थे, लेकिन घटना वाले दिन उन्होंने अपने बेटे को भेजा, ताकि राधिका घर में अकेली रह जाए।” पुलिस को संदेह है कि पिता-पुत्री के बीच बीते कुछ हफ्तों से लगातार झगड़े हो रहे थे, और इसी तनाव ने हत्या की तरफ मोड़ लिया। राधिका के मूल गांव वजीराबाद—जहां विवादित यूट्यूबर एल्विश यादव भी रहते हैं—के एक पड़ोसी ने बताया, “राधिका अपने प्रेमी से शादी करना चाहती थी, जो उनके जाति से बाहर था। लेकिन दीपक यादव पारंपरिक सोच के थे और यह रिश्ता उन्हें मंज़ूर नहीं था। इसके अलावा, गांववालों की टिप्पणियों के बाद उन्होंने राधिका से टेनिस अकादमी बंद करने को कहा था।” पुलिस अब राधिका की मां मंजू यादव की भूमिका की भी जांच कर रही है। मंजू ने अभी तक पुलिस को बयान नहीं दिया है। उन्होंने दावा किया कि घटना के वक्त उन्हें तेज बुखार था और उन्होंने कुछ नहीं देखा। शुक्रवार को दीपक यादव को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अब उसकी स्वीकारोक्ति की पुष्टि के लिए और सवाल करेगी। राधिका यादव एक राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी थीं, जिन्होंने नवंबर 2024 में आईटीएफ डबल्स में करियर की सर्वोच्च रैंकिंग 113 हासिल की थी। हरियाणा में वह महिला डबल्स में पांचवें स्थान पर रहीं। इस साल मार्च में उन्होंने गुरुग्राम में एक टेनिस अकादमी शुरू की थी, जो युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हो गई थी। सोशल मीडिया पर भी उन्हें अच्छा खासा फॉलो किया जाता था। राधिका ने स्कॉटिश हाई इंटरनेशनल स्कूल से कॉमर्स स्ट्रीम में 2018 में बारहवीं की परीक्षा पास की थी। उन्होंने स्कूल के शुरुआती वर्षों से ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। हाल ही में उन्हें कंधे में चोट लगी थी, जिसके लिए वह फिजियोथेरेपी करवा रही थीं, लेकिन इसके बावजूद वह अपनी अकादमी का संचालन पूरी लगन से कर रही थीं। पुलिस के अनुसार, राधिका के पिता दीपक यादव अकसर उनकी अकादमी चलाने पर आपत्ति जताते थे। वज़ीराबाद—जो अब गुरुग्राम के सेक्टर 57 का हिस्सा है—में रहने वाले लोग और उनके परिचित अक्सर दीपक का मज़ाक उड़ाते थे कि वह अपनी बेटी की कमाई पर निर्भर हैं। एक जांच अधिकारी ने बताया कि इसी सामाजिक दबाव और अपमान की भावना ने शायद हत्या की इस दुखद घटना को जन्म दिया। बिल्डर के रूप में काम करने वाले दीपक यादव खुद को आर्थिक रूप से सक्षम मानते थे। उन्हें प्रॉपर्टी से किराये की नियमित आमदनी भी होती थी, जिससे उन्हें लगता था कि परिवार को चलाने के लिए राधिका की कमाई की कोई जरूरत नहीं है। एक जांच अधिकारी ने बताया कि दीपक को इस बात से खास आपत्ति थी कि उनकी बेटी टेनिस अकादमी चला रही है और सार्वजनिक रूप से उसकी पहचान एक स्वतंत्र महिला उद्यमी के तौर पर बन रही थी। पूछताछ में दीपक ने पुलिस को बताया, “जब मैं वज़ीराबाद गांव जाता था, तो लोग कहते थे कि बेटी की कमाई खा रहा है। यह बात मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती थी। मैंने कई बार राधिका से कहा कि वह अकादमी बंद कर दे, लेकिन वह नहीं मानी।” पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दीपक की सोच परंपरावादी थी और वह यह स्वीकार नहीं कर पा रहे थे कि उनकी बेटी समाज में एक सफल, स्वतंत्र महिला के रूप में अपनी पहचान बना रही है। यह आंतरिक असुरक्षा और सामाजिक दबाव उनके फैसले में निर्णायक साबित हुए।

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