ऊपरी इलाकों में सीजन की पहली बर्फबारी, बढ़ी ठंड
उत्तर भारत में मानसून की विदाई के साथ ही अब सर्दी ने दस्तक दे दी है।
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में रविवार को मौसम अचानक बदल गया और इस सीजन की पहली बर्फबारी देखने को मिली।
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से चंबा, लाहौल-स्पीति, कुल्लू, सोलंग घाटी और धौलाधार की पहाड़ियों पर बर्फ जमी।
इस अप्रत्याशित बर्फबारी से तापमान में करीब 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई, जिससे पूरे प्रदेश में ठंड का असर महसूस किया जा रहा है।
सोलंग घाटी और अटल टनल में उमड़े पर्यटक
बर्फबारी की खबर फैलते ही सोलंग घाटी और अटल सुरंग की ओर बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचने लगे।
अटल टनल के प्रवेश द्वार पर लोगों ने ताज़ी बर्फ का खूब आनंद लिया और सोशल मीडिया पर तस्वीरें व वीडियो साझा किए।
वहीं, निचले इलाकों में भारी बारिश हुई जिससे कुछ समय के लिए जनजीवन प्रभावित हुआ।
पर्यटन को मिली रफ्तार, लेकिन सतर्कता भी जरूरी
इस बर्फबारी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे खिल उठे हैं।
होटल और होमस्टे संचालकों को उम्मीद है कि अक्टूबर की शुरुआत में ही टूरिस्ट सीजन रफ्तार पकड़ लेगा।
हालांकि, प्रशासन और मौसम विभाग ने पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
ऊंचे इलाकों में सड़कों पर फिसलन और दुर्घटनाओं के खतरे को देखते हुए कुछ मार्गों पर वाहनों की आवाजाही अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
रोहतांग दर्रा हुआ बंद
भारी बर्फबारी और सड़क पर जमी बर्फ के कारण प्रसिद्ध रोहतांग दर्रा पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनज़र
पर्यटकों और स्थानीय लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
ट्रैफिक पुलिस ने इलाके में बैरिकेडिंग कर दी है और
किसी को भी रोहतांग की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट जारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में
अगले दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में
भारी बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई गई है।
साथ ही, हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है,
जिससे यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार:
- अधिकतम तापमान: लगभग 30°C
- न्यूनतम तापमान: लगभग 14°C
- 8 से 11 अक्टूबर तक — बादल छाए रहेंगे,
लेकिन विशेष चेतावनी जारी नहीं की गई है।
जल्दबाजी में यात्रा न करें – प्रशासन की अपील
प्रशासन ने पर्यटकों और ट्रेकर्स से अपील की है कि
वे मौसम की स्थिति को देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।
कई स्थानों पर सड़कें फिसलन भरी हो गई हैं और
मोबाइल नेटवर्क बाधित है।
यदि कोई बर्फबारी का आनंद लेने जा रहा है तो
वह गर्म कपड़े, जरूरी दवाइयां और पर्याप्त ईंधन साथ लेकर चले।
क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार,
इस साल की बर्फबारी सामान्य समय से करीब 20 दिन पहले शुरू हुई है।
आमतौर पर हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में होती है,
लेकिन इस बार सितंबर के आखिरी सप्ताह से ही ठंड और बर्फबारी देखने को मिली।
यह बदलाव जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का संकेत माना जा रहा है।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट ले ली है।
पहाड़ों पर बर्फ, मैदानों में ठंड और पर्यटकों की बढ़ती भीड़ ने राज्य का माहौल बदल दिया है।
हालांकि, प्रशासन की अपील है कि लोग
सुरक्षा और मौसम की चेतावनियों का पालन करें ताकि यह रोमांचक यात्रा सुरक्षित बनी रहे।

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