उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत !

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत

उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत विपक्ष के हंगामे के साथ हुई। विपक्षी दलों के सदस्यों ने विधानसभा की गैलरी में धरना देते हुए सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। विपक्ष का आरोप है कि अन्य राज्यों में विधानसभा का सत्र तीन से चार सप्ताह चलता है लेकिन उत्तराखंड में सत्र की अवधि तीन से चार दिन होती है जो चर्चा या जनहित के विषयों को सदन के पटल पर रखने के लिए कम है।

विपक्षी दलों  ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की

उत्तराखंड में विधानसभा सत्र की कार्रवाई को लेकर कभी भी विपक्ष संतुष्ट नजर नहीं आया है .. लेकिन इस बार सत्र की अवधि कम होने को लेकर सियासत तेज हो गई है। सत्र को लेकर विपक्ष के विधायक जहां पहले दिन की सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा की गैलरी में बैठे नजर आए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की . वहीं दूसरी तरफ सत्ता पक्ष में विपक्ष को नसीहत देते हुए नियमों की जानकारी लेने के लिए कहा । विपक्ष के विधायक जहां सत्र की अवधि कम किए जाने को लेकर नारेबाजी कर रहे थे . तो वही सत्ता पक्ष के विधायक विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए अपने नेताओं को सही ज्ञान देने की बात कर रहे थे। क्योंकि उत्तराखंड में पिछले 1 साल में जो तीन सत्र आहूत हुए हैं उसमें तीनों सत्रों की कार्रवाई मात्र 12 दिन चली है । विपक्षी सदस्यों का आरोप है के सदन की कम होती अवधि जनहित के विषय उठाने के लिए काम है – अवधि कम होने के  चलते चर्चा नही हों पाती है ।

सरकार हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार-पक्ष

सरकार की तरफ से विपक्ष की इस मांग पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कांग्रेस के विधायकों को ही नसीहत दी है। कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सदन का बिजनेस कार्यमंत्रणा समिति की सिफारिश पर तय किया जाता है . और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में पक्ष और विपक्ष दोनों के विधायक सम्मिलित होते हैं.  ऐसे में विपक्षी विधायकों को सत्ता पक्ष पर आरोप लगाने से पहले अपने दल के विधायकों से पूछना चाहिए कि.  उनकी तरफ से इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति के सम्मुख क्यों नहीं उठाया जाता ।

Spread the News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *