जिन मेडल के लिए बहाया पसीना अब उन्हें गंगा में बहाएंगे पहलवान
Wrestlers to Immerse Medals: देश के परमवीर पदकवीर जो अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने चले गए. वही मेडल जिनके वो सालों साल मिट्टी मे पसीना बहाते हैं, वही मेडल जिसके लिए न केवल खिलाड़ियो ने बल्कि उनके साथ उनके पूरे परिवार और पूरे देश के सपने जुड़े होते हैं. जिसके लिए खिलाड़ी सालों साल मेहनत करते हैं और उन्हें हासिल करने का इंतज़ार करते हैं. आज वो सम्मान गंगा के हवाले हो जाएंगे.
एक ओर नई संसद का इतिहास बना, तो दूसरी ओर खिलाड़ियों से बर्बरता का ?
आखिरकार पहलवानों को अपने पदक गंगा में बहाने (Wrestlers to Immerse Medals) की क्या ज़रूरत आन पड़ी. रविवार को जब देश नई संसद के नाम की नई इबारत इतिहास के पन्नों में दर्ज करा रहा था तब नए संसद भवन से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक और इतिहास लिखा जा रहा था. एक ऐसा इतिहास जो शायद ही इस देश का कोई भी शख्स लिखना या सुनना चाहेगा.
हिरासत में लिए गए थे पहलवान (Wrestlers to Immerse Medals)
28 मई को जब प्रधानमंत्री नई संसद का भव्य और दिव्य उद्घाटन करने में मशरूफ़ थे तब देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस इन्हीं खिलाड़ियों को रोकने की कोशिश कर रही थी. पुलिस ने न केवल खिलाड़ियों के प्रदर्शन को खत्म किया बल्कि भारत की आन बान और शान बढ़ाने वाले इन पदकवीरों को हिरासत में भी लिया.
अपनी बात बेहतर तरीके से पहुंचाना चाहते थे खिलाड़ी
खिलाड़ी नई संसद के पास शांतिपूर्ण तरीके से महिला महापंचायत कर अपनी बात पहुंचाने की कोशिश में थे. क्योंकि यहां से मुद्दा बेहतर तरीके से हाइलाइट होकर सरकार की नज़रों में आ सकता था. लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने प्रदर्शन को खत्म कर दिया. कुछ तस्वीरें ऐसी थी जो बिना कुछ कहे काफी कुछ बयां कर रही थी.
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले देश में बेटियों के साथ हुई जुल्म की इंतेहां
एक वो वक्त भी था जब तिरंगा लिए ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरे भारत का लोहा मनवा रहे थे और एक वक्त ये आया जब तिरंगा लिए खिलाड़ी नीचे ज़मीन पर गिर पड़े… तर्क, निष्कर्ष, मंशा चाहे कुछ भी रही हो लेकिन ये तस्वीर बज़ाहिर ही उस भारत की तस्वीर नहीं हो सकती जिस देश मेंबेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात की जाती हो.
खिलाड़ियों की मांग और मंशा दोनों जांच का विषय (Wrestlers to Immerse Medals)
ये तस्वीर उस देश की हो ही नहीं सकती जिस देश में बेटियों की देवी समान पूजा जाता हैं. ये तस्वीर उस देश की किसी मायने में हो ही नहीं सकती जहां बेटियों को घर की लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है. भारत हमारा घर है..और इस घर की बेटियों की ये तस्वीर कई सवाल खड़े करती है. हो सकता है खिलाड़ियों की कोई मंशा रही हो, लेकिन ये बिल्कुल जांच का विषय है. ये खिलाड़ी पिछले एक महीने से ज्यादा समय सेजंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे.
बृजभूषण की गिरफ्तारी की कर रहे हैं मांग
खिलाड़ियों की मांग है कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार किया जाए. बृजभूषण के ख़िलाफ़ महिला पहलवानों और नाबालिग महिला खिलाड़ियों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. हालांकि बृजभूषण इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं.
बृजभूषण को मिला साधू संतों का साथ
लेकिन आज अध्यक्ष को संत समाज का साथ भी मिल गया है. संतों ने POCSO एक्ट में बदलाव की बात कही है. अब इस आंदोलन को यूपी Vs हरियाणा का रूप देने की कोशिश भी होने लगी है.
अधिकारों से ज्यादा राजनीति दिखने लगी है (Wrestlers to Immerse Medals)
क्योंकि खिलाड़ियों को किसान नेताओं का साथ मिल रहा है तो वहीं कुश्ती संघ के अध्यक्ष को साधू संतों का…अब ये मामला अधिकारों से ज्यादा राजनीति का लगने लगा है… इन्हीं सब सवालों के जवाब ढूंढेंगे और जानेंगे कि क्यों अक्सर अधिकारों की लड़ाई एक सियासी चोला पहन लेती है.
जरूरत पड़ी तो पहलवानों को मुहैया करवाएंगे वकील- अलका
मामले को लेकर कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा की कांग्रेस पहलवानों के साथ है और जरुरत पड़ी तो कांग्रेस पहलवानों को बड़े से बड़ा वकील मुहैया करवायेगी.
सौरभ भारद्वाज ने साधा एलजी पर निशाना
वहीं मामले को लेकर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने एक बार फिर LG पर निशाना साधते हुए अपनी प्रकिया दी…
कुश्ती संघ अध्यक्ष को मिला साधू संतों का समर्थन
वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के साधू संतो ने बृजभूषण का समर्थन करते हुए पोक्सो एक्ट में बदलाव की बात कही है.
धरने पर पहलवान
बजरंग पुनिया
साक्षी मलिक
विनेश फोगाट
बजरंग पुनिया
2013 में कांस्य, 2018 में रजत और 2019 में फिर से कांस्य जीता।
बजरंग पुनिया इस वैश्विक आयोजन (World Wrestling Championship) में चार पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 कुश्ती में बजरंग पुनिया ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.
साक्षी मलिक
- 2014 में रजत, 2016 में रियो ओलंपिक में कांस्य पदक,
- 2018 में कांस्य, कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में स्वर्ण पदक.
- साक्षी मलिक रियो 2016 ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान है.
विनेश फोगाट
- दो बार की ओलंपियन विनेश फोगाट ने राष्ट्रमंडल खेल में तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं।
- वहीं, एशियाई खेल में एक स्वर्ण पदक जीता है।
- उन्हें 2019 में विश्व चैंपियनशिप कांस्य के अलावा 2021 में एशियाई चैंपियन का ताज पहनाया गया था.
- विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 2022 विनेश फोगाट ने कांस्य पदक जीता है.
बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप
महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न
अभद्रता
क्षेत्रवाद
पहलवानों की 4 मांगे
- IOA यौन उत्पीड़न के मामलों में जांच के लिए कमेटी बनाए.
- WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह इस्तीफा दें.
- कुश्ती महासंघ भंग किया जाए.
- कुश्ती महासंघ चलाने के लिए पहलवानों के साथ विचार कर नई कमेटी बनाई जाए.
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Written By: Aarti Agravat
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